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अमेरिका के अखबार में भारत के खिलाफ विज्ञापन, भगोड़ा घोटालेबाज है मास्टरमाइंड

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नई दिल्ली/वाशिंगटन। अमेरिका (America) के प्रमुख समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल में बीते 13 अक्टूबर को एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ। इसमें भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण समेत 10 भारतीयों पर अमेरिका के मैग्निट्स्की कानून के तहत प्रतिबंध लगाने और कार्रवाई करने की मांग की गई। इस विज्ञापन में उक्त लोगों को विदेशी निवेशकों का विरोधी करार देते हुए इन्हें वांटेड बताया गया है।

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बता दें कि विज्ञापन ऐसे समय में प्रकाशित किया गया है जब निर्मला सीतारमण जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं।

इस विज्ञापन में निर्मला सीतारमण के अलावा एंट्रिक्स कॉर्प के चेयरमैन राकेश शशिभूषण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता, वी रामसुब्रमण्यम, स्पेशल पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) एक्ट जज चंद्रशेखर, सीबीआई डीएसपी आशीष पारीक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन का नाम है।

इस विज्ञापन में ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश और उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद का भी नाम शामिल है। विज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने सरकारी संस्थानों का गलत इस्तेमाल कर भारत को निवेशकों के लिए असुरक्षित कर दिया है। विज्ञापन के सबसे नीचे एक क्यूआर कोड भी है, जिसे स्कैन करने पर अमेरिकी थिंक टैंक फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की वेबसाइट खुलती है।

इस विज्ञापन के जरिये भारत विरोधी माहौल बनाने की कोशिश की गई, जिसके विरोध में भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। सवाल ये है कि अमेरिकी मीडिया में यह विज्ञापन कैसे प्रकाशित हुआ, किसने प्रकाशित कराया और क्यों?

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने दावा किया कि इस अभियान को देवास मल्टीमीडिया के पूर्व सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन चला रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”धोखेबाजों द्वारा अमेरिकी मीडिया को हथियार बनाना शर्मनाक है।

यह चौंकाने वाला घिनौना विज्ञापन भारत और उसकी सरकार को टारगेट करने के लिए छापा गया है। क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे कौन है? यह अभियान भगोड़े रामचंद्र विश्वनाथन द्वारा चलाया जा रहा है, जो देवास के सीईओ थे।”

किसने छपवाया विज्ञापन?

भारत में हजारों करोड़ का घोटाला कर विदेश भागे आरोपी ने देश की छवि बिगाड़ने का प्रयास किया है। इस आरोपी का नाम है- रामचंद्रन विश्वनाथन। इसके साथ शामिल है संगठन- फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम। रामचंद्रन मनी लॉन्ड्रिंग और ठगी कर अमेरिका भाग गया है।

वहीं फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम भारत के खिलाफ एक सक्रिय संगठन है. इन्हीं ने वॉल स्ट्रीट जनरल में भारत विरोधी विज्ञापन दिया, जिसमें देश में निवेश की परिस्थितियों और सरकार को लेकर नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की।

विश्वनाथन ने क्यों किया ऐसा?

रामचंद्रन विश्वनाथन साल 2005 में हुए 10 हजार करोड़ के देवास-एंट्रिक्स घोटाले में शामिल देवास कंपनी का सीईओ था। उसकी कंपनी की नीलामी के लिए ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने इसी वर्ष जून में अर्जी दी थी। ईडी ने ही उसे भगोड़ा घोषित किया था। रामचंद्रन को इसी बात की चिढ़ है।

पहले भी फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की ओर से ऐसा विज्ञापन जारी हो चुका है। इस संगठन का पदाधिकारी जॉर्ज लैंड्रिर्थ सोशल मीडिया पर विज्ञापन पोस्ट करते मिला। इसी संगठन के जरिए विश्वनाथन ने अगस्त में याचिका दायर कर कहा था कि मोदी सरकार उसे गिरफ्तार करने के लिए म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट समझौते का सहारा ले सकती है।

क्या है इस WSJ विज्ञापन में?

America के अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के विज्ञापन में 11 लोगों को नरेंद्र मोदी का ‘मैग्निट्स्की 11’ करार दिया गया है। इसमें कहा गया है कि इन सरकारी अधिकारियों ने राज्य के संस्थानों को कानून का शासन खत्म करने, राजनीतिक और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों को निपटने के लिए हथियार बनाया है। इस विज्ञापन में उन पर निवेशकों के लिए भारत को असुरक्षित बनाने का आरोप लगाया है।

विज्ञापन में दावा किया गया है कि मोदी सरकार में कानून का शासन को खत्म कर दिया गया है, इसलिए भारत निवेश के लिए एक खतरनाक जगह बन चुका है। इस विज्ञापन में अमेरिकी सरकार से ग्लोबल मैग्निट्स्की ह्यूमन राइट अकाउंटेबिलिटी एक्ट के तहत आर्थिक और वीजा प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया गया है।

क्या है ग्लोबल मैग्निट्स्की एक्ट?

ग्लोबल मैग्निट्स्की एक्ट (Global Magnitsky Act) America के राष्ट्रपति को, देश में प्रवेश से इनकार करने, पहले से जारी किसी भी वीजा को रद्द करने का अधिकार देता है। साथ ही यह एक्ट अमेरिकियों को किसी भी विदेशी व्यक्ति या संस्था के साथ लेनदेन करने से प्रतिबंधित करने के लिए भी अधिकृत करता है। यह प्रतिबंध ऐसे लोगों या संस्था पर लगाया जाता है, जिन पर न्याय की हत्या करने, यातना देने या कानून का घोर उल्लंघन करने के आरोप होते हैं।

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यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने मारी भीषण टक्कर, 38 लोगों की मौत

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दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने भीषण टक्कर मार दी। यह हादसा दक्षिण-पूर्वी ब्राजील के मिनास गेरैस राज्य में एक राजमार्ग पर हुआ। यहां बस और ट्रक की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मिनास गेरैस अग्निशमन विभाग ने बताया कि शनिवार सुबह हुए इस हादसे में घायल 13 अन्य लोगों को टियोफिलो ओटोनी शहर के पास के अस्पतालों में ले जाया गया।

बताया जा रहा है कि बस साओ पाउलो से चली थी और उसमें 45 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने कहा कि जांच के बाद ही दुर्घटना का कारण स्पष्ट हो सकेगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बचाव दल को बताया कि बस का टायर फटने से बस अनियंत्रित हो गई और एक ट्रक से टकरा गई। हादसे के दौरान एक कार भी उस बस से टकरा गई, कार में तीन यात्री सवार थे और तीनों की जान बच गई।

राष्ट्रपति ने जाहिर किया शोक

इस भीषण सड़क दुर्घटना में हुई मौतों को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने शनिवार को एक बयान जारी करके कहा ,‘‘ मुझे बेहद अफसोस है और मैं दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ परिवहन मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष ब्राजील में यातायात दुर्घटनाओं में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं।

 

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