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चुनाव के बाद पहली बार बंगाल जा रहे अमित शाह, भाजपा में मची भगदड़ पर लगेगी रोक?

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार से दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वह पार्टी के प्रदेश नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की कोशिश करेंगे। साथ ही संगठनात्मक कामकाज और राजनीतिक हालात की समीक्षा भी करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री के इस दौरे से भाजपा अपने राज्य संगठन में नई जान फूंकने की तैयारी में है, ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए स्थिति मजबूत की जा सके।

अमित शाह सरकारी कार्यक्रमों के साथ सिलीगुड़ी और कोलकाता में पार्टी से जुड़े कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों सहित प्रदेश इकाई के नेताओं से मिलेंगे। वह एक जनसभा में भी शिरकत करेंगे और भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।

इसके अलावा कोलकाता में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। पार्टी ने कोलकाता में अमित शाह के बड़े स्वागत कार्यक्रम की तैयारी की है। ताकि, विरोधियों को अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराने के साथ बीते दिनों चुनावी हार से निराश पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा लाई जा सके।

अमित शाह का बंगाल दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भाजपा राज्य में अपने संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। विधानसभा चुनाव में सत्ता तक न पहुंच पाने के बाद पार्टी के कई विधायक छोड़ गए हैं। ऐसे में भाजपा के लिए राज्य संगठन को मजबूत करने के साथ तृणमूल कांग्रेस के मुकाबले अपने कार्यकर्ताओं को मजबूती देना बेहद जरूरी हो गया है। राज्य में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पुराने नेता भी मुखर हैं और विभिन्न मुद्दों पर अनुभवहीनता को लेकर बदलाव की मांग कर रहे हैं।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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