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ग्वालियर में नए टर्मिनल भवन की अमित शाह ने रखी आधारशिला

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Gwalior

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ग्वालियर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को मप्र के ग्वालियर (Gwalior) शहर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन और विस्तार कार्य की आधारशिला रखी। एक अधिकारी ने बताया कि नए टर्मिनल भवन का निर्माण 446 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा।

एयरपोर्ट पर 13 विमानों को पार्क करने की होगी सुविधा

प्रेट्र के मुताबिक, इस अवसर पर अमित शाह के साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

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अधिकारी ने कहा कि नए टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल मौजूदा 3,500 वर्गमीटर की तुलना में 20,000 वर्ग मीटर होगा। अधिकारी ने कहा कि विस्तार के बाद हवाईअड्डे की क्षमता तीन विमानों की मौजूदा क्षमता के मुकाबले 13 विमानों को पार्क करने की होगी।

180 एकड़ में स्थापित होगा नया टर्मिनल

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि नया टर्मिनल 180 एकड़ में स्थापित होगा, यह कल्पना भविष्य के ग्वालियर की है। इसके साथ कार्गो टर्मिनल भी बनेगा और चार एरो ब्रिज भी बनेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में एमबीबीएस हिंदी पाठ्यक्रम पुस्तक का विमोचन किया।

शिवराज सिंह चौहान ने कही ये बात

इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेडिकल और बाकी विषयों में जो हिंदी में पढ़ाई करेंगे, उनकी मेरिट लिस्ट भी अलग से बनाई जाएगी। उनको कोई रोक नहीं पाएगा वह पढ़ेंगे, बढ़ेंगे और गांव में भी काम कर जाएंगे। आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज का दिन मध्य प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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