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सपा को बड़ा झटका, अपर्णा यादव हुईं भाजपा में शामिल

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लखनऊ। घर, परिवार और समाज को जोड़ने के लिए सम्मान सबसे बड़ी चीज है। अगर आप किसी को सम्मान देंगे तो वह न केवल आपको सम्मान देगा बल्कि आपका होकर भी रहेगा। लगता है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संस्कार में यह है ही नहीं। सम्मान देना तो दूर की बात, अपने हित में वह अपने लोगों को अपमानित करने से भी नहीं बाज आते। यही वजह है कि उनके घर के ही लोग एक-एक कर उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में उनके भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने भी आज भाजपा का दामन थाम लिया।

अपराधियों को टिकट देकर जनता का गुस्सा झेल रहे अखिलेश अपने परिवार का बिखराव भी नही रोक पा रहे हैं।

याद करिए 2017 में लगभग इसी समय की बात। जिस सपा को मुलायम सिंह ने वर्षों पहले विपरीत परिस्थितियों और तमाम चुनौतियों के बीच अपने संघर्षों के बूते एक मुकाम तक पहुचाया था, उसका सर्वेसर्वा बनने के लिए अखिलेश ने मुलायम को ही दरकिनार कर दिया। अपने पिता की पगड़ी उछालने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। चुनाव चिह्न साइकिल को लेकर परिवार में उस दौरान जो घमासान मचा था उसे भी लोग भूले नहीं हैं। संघर्ष के उन दिनों अपने भाई मुलायम सिंह यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर जगह उनके साथी थे शिवपाल सिंह यादव। एक तरह से वह उनकी परछाई थे। सपा का संगठन खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। इसी वजह से मुलायम की शिवपाल के साथ सहानुभूति भी थी। चाचा की पिता से अति निकटता पसंद नहीं आई तो अखिलेश ने उनको दूध की मक्खी की तरह पार्टी से ही निकाल फेंका।

अखिलेश के अपमानजनक व्यवहार से क्षुब्ध होकर शिवपाल को अपना वजूद बचाने और अपने समर्थकों को जोड़े रखने के लिए अलग पार्टी बनानी पड़ी थी।

इस चुनाव में येन-केन प्रकारेण सत्ता पाने की ख्वाहिश में उन्होंने अपने चाचा शिवपाल से गठबंधन तो किया है, पर सीटों का पेंच अब भी फंसा हुआ है। इसे लेकर शिवपाल नाखुश भी हैं। अगर सीटों के नाते शिवपाल, अखिलेश से अलग होते हैं तब तो यकीनन अखिलेश के बारे में लोग यह भी कहने लगेंगे कि ” ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको मैंने ठगा नही”।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव समझदार नेता हैं। वह गठबंधन से अलग राह ढूँढ रहे हैं।

आज भाजपा में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने भी सीधे पर सधे शब्दों में भाजपा की तारीफ कर सपा के कुशासन, अराजकता, माफिया, अपराधियों की सरपरस्ती , दंगाइयों की पैरोकारी करने की नीति की पोल खोल दी। अपर्णा ने कहा, “मैं शुरू से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी से प्रभावित रही हूं।खासकर स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तीकरण और स्वावलंबन के लिए किए जाने वाले कार्यों से। भाजपा में शामिल होने का मौका देने के लिए उनका आभार।
अब मैं उनके मार्गदर्शन में राष्ट्र की आराधना करने निकली हूँ।”

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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