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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार बनने का आवेदन खारिज, सुनवाई 2 नवम्बर को

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) मामले में 4 पक्षकार बनने का आवेदन खारिज हो गया। मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई की मांग पर आपत्ति के लिए वक्त मांगा। अदालत ने 100 रुपये हर्जाना पर वक्त दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवम्बर को होगी।

राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में Shringar Gauri के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर दाखिल मुकदमे की शुक्रवार को सुनवाई हुई।

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पूर्व में हुए सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज होने के बाद मंदिर पक्ष एक बार फिर सर्वे की मांग कर रहा है। इस संबंध में पूर्व में दिए गए प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई की गई।

16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही हुई थी

17 मई 2022 को अदालत में दिए प्रार्थना पत्र को अदालत के सामने रखा। इसमें मांग किया है कि ज्ञानवापी परिसर में 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग पूरब तरफ दीवार में दरवाजा को ईंट से ढंक दिया गया है।

उत्तर तरफ भी दीवार खड़ी की गई है। नंदी के मुख के सामने तहखाना में ईंट-पत्थर, बालू, बांस-बल्ली का मलबा रखा हुआ है। वहीं बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिमी दीवार पर मौजूद दरवाजे को ईंट-पत्थरों से बंद कर दिया गया है।

यह मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में जाने का रास्ता है। प्रार्थना किया है कि इन दीवारों व मलबे को हटाकर पाये गए शिवलिंग की लम्बाई, चौड़ाई, ऊंचाई के साथ ही तहखानों की जांच एक बार फिर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करके रिपोर्ट दिया जाए।

वादीगण ने व्यक्तिगत हैसियत से पूजा के अधिकारों की मांग करते हुए वाद दाखिल किया है। इस मामले से जुड़े लोगों को प्रतिवादी बनाया है। वादीगण को बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वे आवेदकों को इस मुकदमें में वादी या प्रतिवादी की हैसियत से पक्षकार बनाएं।

मेरा यह भी विचार है कि वादीगण मुकदमे की उचित पैरवी करने में सक्षम है। तृतीय पक्षकारों ने मुकदमे में पक्षकार बनाए जाने के लिए जो प्रार्थना पत्र दिया है उनसे मुकदमे के न्यायपूर्ण निस्तारण में कोई मदद नहीं मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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