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उत्तर प्रदेश

ईद से पहले अयोध्या में हिंसा भड़काने की कोशिश, मस्जिदों में फेका गया आपत्तिजनक सामान, 7 गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ‘दंगा भड़काने’ की बड़ी कोशिश का खुलासा हुआ है। अयोध्या पुलिस ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने शहर में कई जगहों पर मस्जिद के सामने आपत्तिजनक सामान और धार्मिक किताबों के कुछ पन्ने डालकर दंगा फैलाने की कोशिश की थी। मामला 27 अप्रैल की रात का है। जानकारी के मुताबिक इस पूरी साजिश का पता सीसीटीवी फुटेज के जरिए लगा। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने ईद के मौके पर माहौल बिगाड़ने के लिए ये साजिश रची थी।

मामले का पता कैसे चला?

अयोध्या पुलिस के मुताबिक जिन जगहों पर ये आपत्तिजनक चीजें फेंकी गईं, उनमें मस्जिद कश्मीरी मोहल्ला, टाटशाह मस्जिद, घोसियाना रामनगर मस्जिद, ईदगाह सिविल लाइन और गुलाबशाह दरगाह जेल शामिल है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जिसमें 4 बाइक पर कुल 11 लोग दिखाई दिए। पुलिस ने बताया है कि इसमें एक आदमी बाइक से उतरकर विवादित सामग्री फेंकता दिखाई दे रहा है। आरोपियों ने पहचान छुपाने के लिए मुस्लिम टोपी लगा रखी थी।

जानकारी है कि शातिर आरोपियों ने बाइक के नंबर प्लेट भी बदले हुए थे। पुलिस ने टोपी बेचने वाले दुकानदारों से पूछताछ के बाद पहले दो लोगों को पकड़ा। इसके बाद बाकी लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस की मानें तो लोगों की समझदारी के कारण बड़ी घटना टल गई। उसने बताया कि आरोपियों के खिलाफ एनएसए भी लगाया जा सकता है। इस मामले में जिन सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनकी पहचान महेश कुमार मिश्रा, प्रत्युष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौड़, ब्रिजेश पांडेय, सत्रुघन प्रजापति, विमल पांडेय के तौर पर की गयी है।

अयोध्या पुलिस ने पूरे मामले पर गुरुवार 28 अप्रैल को एक प्रेस नोट जारी किया। इसके मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने हाल में दिल्ली में हुई घटना का बदला लेने के लिए ये प्लान किया। पुलिस ने बताया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड महेश कुमार मिश्रा है। उसने बृजेश पांडेय नाम के व्यक्ति के घर में ये साजिश रची थी। सभी आरोपी अयोध्या के ही रहने वाले हैं।

अयोध्या पुलिस ने आपत्तिजनक वस्तुओं या पोस्टर के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। हालांकि वक्फ मस्जिद टाटशाह ने 27 अप्रैल को इस घटना को लेकर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में लिखा गया है कि मस्जिद के सचिव मोअज्जिन ने सुबह की नमाज के लिए जब गेट खोला तो उन्हें ये आपत्तिजनक चीजें दिखीं। उनके मुताबिक, मस्जिद की सीढ़ी पर फटी हालत में कुरान और जानवर का मांस रखा हुआ था। इसके अलावा एक पोस्टर में हजरत मोहम्मद के बारे में कलम से अपशब्द भी लिखे हुए थे।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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