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प्रादेशिक

बिहार: इतिहास दोहराने की कोशिश में हैं नितीश कुमार, गठबंधन बचाना चाहती है भाजपा

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पटना। बिहार में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आठ साल पुराने इतिहास को दोहराने के मुहाने पर खड़े हैं। भाजपा-जदयू गठबंधन पर संकट के बादल मंडरा हैं। वहीं, राजद और जदयू में नजदीकी भी बढ़ती दिख रही है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द नए गठबंधन के साथ नई सरकार बन सकती है।

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद गहमागहमी काफी तेज हो गई है। मंगलवार को जदयू विधायकों और सांसदों की बैठक में अंतिम निर्णय हो सकता है। जदयू पटना में आज सुबह 11 बजे बैठक करेगी। इसी वक्त राजद भी अलग अपनी एक बैठक करेगी।

भाजपा उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के जरिये गठबंधन बचाने की अंतिम कोशिश कर रही है, वहीं जदयू राज्य के सभी विपक्षी दलों के संपर्क में है। दरअसल भाजपा-जदयू के बीच चौड़ी हुई मतभेद की खाई की वजह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बने। नीतीश को आशंका है कि भाजपा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की तर्ज पर बिहार में आरसीपी के जरिये उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही है।

नीतीश के करीबी सांसद के मुताबिक इस आशंका के पर्याप्त कारण हैं। आरसीपी को नीतीश की सहमति के बिना मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। आरसीपी भाजपा के उस शीर्ष नेता के करीबी हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदखल करने की पटकथा लिखी।

उन्हीं के इशारे पर आरपीसी ने गुपचुप तरीके से राज्यसभा चुनाव के दौरान जदयू विधायकों की बैठक बुलाई। अब वही आरसीपी नया दल बनाने में जुटे हैं और उनका लक्ष्य हर हाल में जदयू और खास कर नीतीश कुमार को कमजोर करना है।

नीतीश-तारकिशोर की बैठक पर नजर

जदयू के अलग राह पकड़ने के संकेत के बाद भाजपा गठबंधन बचाने की अंतिम कोशिश कर रही है। इस कड़ी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश के करीबी और राज्य के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात की है।

इसके बाद नीतीश और तारकिशोर की मुलाकात प्रस्तावित है। इस मुलाकात के बाद मंगलवार को जदयू विधायकों और सांसदों की बैठक होगी। अंतिम निर्णय इसी बैठक में होगा।

बिहार विधानसभा दलीय स्थिति

राजद के 79, भाजपा के 77, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 4, सीपीआई और सीपीआई (एम) के 2-2 विधायक हैं। इसके अलावा एआईएमआईएम के एक व एक निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा की एक सीट रिक्त है। बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं। इस लिहाज से बहुमत के लिए किसी भी दल को 122 विधायकों की जरूरत होगी।

गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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