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अन्तर्राष्ट्रीय

कैलिफॉर्निया: 8 महीने के बच्चे समेत भारतीय मूल के चार लोगों की हत्या

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कैलिफॉर्निया

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कैलिफॉर्निया। अमेरिका के कैलिफॉर्निया में किडनैप किए गए भारतीय मूल के परिवार के चार लोगों के शव मिले हैं। मरने वालों में 8 महीने का मासूम बच्चा भी शामिल है। इन लोगों को मर्स्ड काउंटी से किडनैप कर लिया गया था और उनकी तलाश की जा रही है।

कैलिफॉर्निया प्रशासन ने भारतीय मूल के परिवार के लोगों की मौत की पुष्टि की है। सोमवार को यह परिवार लापता हो गया था और तब से ही उनकी तलाश की जा रही थी। इस मामले में 48 साल के एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। हालांकि शुरुआती दौर में किडनैपिंग का लग रहा यह केस अब बड़ा मोड़ ले चुका है। जघन्य हत्याकांड के चलते सनसनी फैल गई है और भारतीय मूल के लोगों में डर का माहौल है।

मर्स्ड काउंटी के शेरिफ वर्न वार्नके ने कहा कि यह घटना बेहद जघन्य और डराने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने जिस शख्स को हिरासत में लिया है, उसे सर्विलांस वीडियो में देखा गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी शख्स परिवार को जबरदस्ती ट्रक में धकेल रहा है।

8 महीने का बच्चा और उसकी मां जसलीन कौर, पिता जसदीप सिंह और अंकल अमनदीप सिंह सोमवार से ही लापता थे। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी और पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी लेकिन परिवार के सभी लोगों के शव ही पाए गए।

हिरासत में लिए गए शख्स पर 2005 में भी बंदूक के दम पर लूट करने और दूसरे लोगों को फंसाने का आरोप दर्ज है। इस केस में पुलिस का मानना है कि वह अकेला नहीं था और उसके साथ कुछ और भी लोग थे।

पुलिस की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें जसदीप और अमनदीप सिंह के हाथ बंधे हुए दिख रहे हैं। उन्हें हथियारों का डर दिखाकर ट्रक में चढ़ाया जा रहा है। इसके बाद बदमाश ट्रक को लेकर रवाना हो जाते हैं। इसके बाद वे बंदूकधारी बच्चे को लिए हुए जसलीन को भी किडनैप करके ले जाते हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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