प्रादेशिक
सीएम योगी के 3टी फॉर्मूले से कोरोना से जंग जीतने की ओर यूपी, 87% एक्टिव केस हुए कम
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में 3 टी के अन्तर्गत एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है। 3 टी के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कफ्र्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने सोचा कि जीवन भी बचाना है और जीविका भी बचानी है। इस क्रम में जो उन्होंने आंशिक कोरोना कफ्र्यू लगाने के बाद लोगों का आवागम प्रतिबन्धित हुआ और उसके साथ-साथ सबको टीका लगाने की जो योजना है उस पर, कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 3 टी, एग्रेसिव टेस्ट, टेैक, ट्रीट, आंशिक कोरोना कफ्र्यू तथा टीकाकरण इन 5 तत्वों को मिलाकर प्रदेश में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से कम हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जो रणनीति अपनाई है उसी का नतीजा है कि जो 3 लाख 10 हजार से अधिक एक्टिव केस 30 अप्रैल तक थे वो आज घटकर एक्टिव केस लगभग 87 प्रतिशत कम हो गये हैं। एक समय में 24 घंटे में 38 हजार से अधिक संक्रमित मामले आ रहे थे वे भी 95 प्रतिशत घटकर वे अब केवल 5 प्रतिशत रह गये हैं।
उन्होंने बताया कि यदि इसकी तुलना अन्य प्रदेशों से करें, तो हम पायेंगे कि महाराष्ट्र की आबादी 12.2 करोड़ में 57 लाख कोरोना के मरीज आये, आज भी एक्टिव केस 2.76 लाख से अधिक हैं, कर्नाटक की आबादी 6 करोड़ में से कोरोना के 25 लाख से अधिक केस आये, आज भी एक्टिव केस 3.5 लाख हैं, केरल की आबादी 3.5 करोड़ में से कोरोना के 24 लाख मामले आये आज भी एक्टिव केस 2.33 लाख है, तमिलनाडु की आबादी 7.6 करोड़ में 20 लाख कोरोना केस आये आज भी एक्टिव केस 3.10 लाख है वहीं इन तीनों प्रदेशों की आबादी मिलाकर उत्तर प्रदेश में अकेले 22.50 करोड़ होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में 16.88 लाख मामले आये जो आज 42 हजार एक्टिव मामले रह गये हैं। उन्होंने बताया कि जो पाॅजिटीविटी दर है जैसे-महाराष्ट्र में 16.5 प्रतिशत, तमिलनाडु में 7.5 प्रतिशत, केरल में 12.5 प्रतिशत वहीं उत्तर प्रदेश में केवल 3.5 प्रतिशत है। इसी तरह से जो रिकवरी दर भी महाराष्ट्र में 93 प्रतिशत, कर्नाटक में 85 प्रतिशत, केरल में 90 प्रतिशत, तमिलनाडु में 83 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 96 प्रतिशत से अधिक है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रदेश में जो कोविड प्रबन्धन का कार्य चल रहा वह मैनेजमेन्ट के लिए अध्ययन का विषय है।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने 18 मण्डलों के साथ-साथ 40 जनपदों में जाकर स्वयं कोविड अस्पताल, गांवों, निगरानी समिति से वार्ता, कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले कोविड-19 से रिकवरी करने वालों से वार्ता और इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल से भी वार्ता कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों से मुलाकात की यहां तक की वे कोरोना से संक्रमित जो लोग हैं उनसे भी मिले। उन्होंने बताया कि जनपद में जो कार्य कर रहे कोरोना योद्धा का भी उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 01 जून से टीकाकरण का एक बहुत बड़ा अभियान चलाने जा रही है। उन्होंने बताया कि जून के महीने में टीकाकरण का जो लक्ष्य रखा गया है उसमें 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग व 45 वर्ष अधिक आयु वर्ग के लोगों का जून के महीने में दोनों को मिलाकर 01 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश में कोविड की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चों को सुरक्षित रखने के दृष्टिगत 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को भी प्राथमिकता के आधार पर बूथ बनाकर उनका वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के न्यायिक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक एवं पत्रकारों को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए जनपदों के कलेक्ट्रेट, तहसील, विकासखण्ड तथा बीएसए के दफ्तर में पृथक रूप से वैक्सीनेशन बूथ की व्यवस्था की जायेगी।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन की मात्रा समुचित उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आॅक्सीजन की मांग फिर से 400 से 450 मी0टन हो गई है। भविष्य में कोई कठिनाई न हो सभी अस्पतालों में प्रयास किया जा रहा है कि आॅक्सीजन के प्लाण्ट लगाकर उनको वहीं स्थानीय स्तर पर आॅक्सीजन के साथ जोड़ा जाए। लगभग 415 प्लाण्ट आॅक्सीजन के बनाये जा रहे हैं उनमें से 61 प्लाण्ट चालू हो गए हैं। शेष पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और प्रयास किया जा रहा है कि आगामी तीन महीने में सभी प्लाण्ट चालू हो जाएं।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 08 लाख 18 हजार से अधिक किसानों से 39,32,987.80 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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