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कोरोना के बढ़ते केस पर सीएम योगी सख्त, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्यादा केस वाले जिलों में सख्ती बरतने को कहा है। सीएम योगी ने कहा कि रोजाना 100 से अधिक कोरोना केस या कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू के संबंध में भी समुचित फैसला किया जाए लेकिन किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए।

साथ ही ऐसे जिलों में माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में भी डीएम स्थानीय स्थिति के अनुरूप फैसला करें। सीएम ने कहा कि वह खुद हालात का जायजा लेते हुए प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जिलों का औचक निरीक्षण करेंगे। बता दें कि कोलकाता से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने 13 जिलों के अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जिलों में पॉजिटिविटी दर में गिरावट हुई है। साथ ही सीएम योगी ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाए जाने पर भी जोर दिया।

इसके अलावा उन्होंने मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। इन सभी जिलों में निगरानी के लिए तत्काल विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ-साथ दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण की स्थिति तेजी से खराब हो रही है। ऐसी स्थिति में वहां रहने वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों की वापसी संभावित है। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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