Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

विकास के कार्य तभी सार्थक होंगे जब प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बेहतर होगीः सीएम योगी

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास के कार्य तभी सार्थक होंगे जब प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बेहतर होगी। बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी और आजम खां पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से पांच साल पहले यहां की स्थिति क्या थी? अराजकता चरम पर थी, अव्यवस्था थी, गुंडागर्दी थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थिति 2017 से पहले ऐसी थी कि विकास की योजनाओं का लाभ इत्र वाले मित्र खा जाते थे। हमारी डबल इंजन की सरकार विकास के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। विकास का जो कार्यक्रम चल रहा है वो अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आएंगे जाएंगे, पर हर बेटी सुरक्षित रहनी चाहिए, हर महिला और हर किसान के प्रदेश में सम्मान मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री बुधवार को रामपुर के बिलासपुर विधान सभा क्षेत्र में जनसभा को वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे। पिछले पांच सालों में डबल इंजन की सरकार द्वारा किए गए कार्यों को बताते हुए उन्होंने कहा हमारी सरकार ने गरीबों के विकास तथा उत्थान के लिए , नौजवानों के रोजगार के लिए, महिलाओं की सुरक्षा के लिए ,और शासन की योजनाओं को हर तबके तक पहुचानाे का काम किया है। किसान कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल में रु 1.59 लाख करोड़ के गन्ना मूल्य का भुगतान किया। पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि रामपुर में बसपा सरकार के वक्त मात्र रु 653 करोड़ का भुगतान हुआ था, वहीं समाजवादी पार्टी की सरकार के समय केवल रु 1400 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के अकेले रामपुर में रु 2400 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को किया था।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही पहला निर्णय 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफी का लिया। इनमें से रामपुर में 66000 किसानों का कर्ज माफ हुआ था। उन्होंने बताया किे पीएम किसान सम्मान निधि में 2,66,600 किसानों को 6000 रुपए सालाना का लाभ दिया गया। सपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से पहले किसानों की उपज सरकार खरीदती नहीं थी। यदि खरीदती भी थी तो बिचौलियों के माध्यम से। वहीं आज सरकार किसानों से सीधे उपज खरीदती है और पैसा सीधे किसानों के खाते में जाता है।

प्रदेश में भाजपा सरकार एक करोड़ वृद्धजनों, निराश्रित महिलाओं , दिव्यांगजनों को 12000 रु सालाना की पेंशन सुविधा दे रही है। इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी ने इससे पहले की सपा सरकार पर तीखा वार करते हुए कहा कि याद कीजिए कैसे उनकी सरकार में पेंशन रोक दी गई थी। वहीं हमारी भाजपा सरकार द्वारा रामपुर में 13,846 दिव्यांगजनों, 52,000 से अधिक विधवा महिलाओ को और 50,158 बुजुर्गों को पेंशन की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि 15 करोड़ लोगों को प्रदेश में मुफ्त राशन की डबल डोज मिल रही है। अकेले रामपुर में 20 लाख लोग राशन की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। हमारी सरकार वर्तमान मे 1 करोड़ नौजवानों के मुफ्त टैबलेट और स्मारटफोन दे रही है। पहले चरण में रामपुर में 200 नौजवानों के स्मार्टफोन बांटे गए। उन्होंने कहा कि आज विकास कार्यों को जिस तरह से आगे बढ़ाया जा रहा है चाहे वो पौधारोपण हो, डिग्री कालेज हो, पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का काम हो, पुल और पुलिया के निर्माण का हो, सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य हो, सभी कार्य हमारी सरकार में किए जा रहे।

लोगों से बिलासपुर से भाजपा प्रत्याशी सरदार बलदेव सिंह औलख को वोट देने की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि थानों का संचालन कोई हिस्ट्रीशीटर ना करने पाए, तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कोई पर्व या त्यौहार में व्यवधान ना होने पाए, कोई अराजकता ना होने पाए, प्रदेश में निवेश हो और प्रदेश के नौजवानों को प्रदेश में ही रोजगार के अवसर मिलें। प्रदेश का कोई नौजवान पलायन ना करने पाए, किसी गरीब को किसी के सामने हाथ ना फैलाना पड़े, कोई भूखा ना सोए। उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि सरदार बलदेव सिंह औलख एक जुझारू प्रवृत्ति के हैं.. ये अलग बात है वो चुनाव के समय वहां मेरा कार्यक्रम नहीं लगने देते हैं। आज भी स्थिति कुछ ऐसी हुई कि मुझे वर्चुअली संबोधित करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने सपा के पूर्व नेता संतोष शर्मा का भाजपा परिवार में स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि परिवारवादी, दंगावादी पार्टी से मुक्ति लेकर वो भाजपा के साथ जुड़ गए हैं और विकास के कार्यों में सहयोगी बनेंगें।

*भाजपा सरकार में फिर चमका मुरादाबाद का पीतल*

मुरादाबाद में मुख्यमंत्री मे जनसभा से कहा कि आज प्रदेश में बड़े पैमाने पर छोटे-बड़े उद्योग पनप रहे हैं। जिस मुरादाबाद के पीतल की चमक फीकी पड़ चुकी थी, एक बार फिर से हर भारतीय अपनी बेटी की शादी में मुरादाबाद में पीतल से बने हुए बर्तन देकर के गौरव की अनुभूति करता है। उन्हेंने कहा कि ओडीओपी के तहत पीतल को एक नई पहचान देने का कार्य भी हमारी सरकार ने किया है।

मुख्यमंत्री ने सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि मुरादाबाद में श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही डिग्री कॉलेज, आईटीआई, पॉलीटेक्निक का भी निर्माण कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अकेले मुरादाबाद में 4632 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को किया। वहीं दो लाख 96 हजार से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ भी मिला। बिलारी से भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनी संभल में सांसद बनने से चूके, अगर वो वहां से सांसद होते तो जिस तरह से वहां का वर्तमान सांसद (शफीकुर्रहमान बर्क) तालिबान का समर्थन करता है, कभी ना कर पाता। उन्होंने बिलारी विधानसभा से परमेश्वर लाल सैनी को जिताने की अपील की। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग अराजकता फैलाने का काम करते हैं सरकार ने पांच साल उन पर लगाम लगाई और उनकी गर्मी 10 मार्च के बाद शांत करने का काम भी फिर से एक बार हमारी सरकार करेगी। ये चुनाव उत्तर प्रदेश को नंबर एक प्रदेश बनाने की लड़ाई है। उप्र जिसके अंदर संभावनाएं थी, सपा-बसपा-कांग्रेस सबने मिलकर इसकी संभावनाओं को क्षीण किया। भाजपा सरकार ने पांच साल बिना रुके, बिना झुके, बिना थके, और बिना डिगे राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास के मुद्दे पर उप्र की सेवा की।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

Continue Reading

Trending