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सपा को समर्थन देने का मतलब आतंकवाद को प्रोत्साहन, गुंडों को संरक्षण और भावी पीढ़ी को बर्बाद करने जैसाः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इन दलों की राजनीति का आधार जाति, पंथ और मजहब रहा है। इन दलों ने सामाजिक तानेबाने को छिन्नभिन्न कर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। समाजवादी पार्टी तो अलग एजेण्डा लेकर चलती थी, उसके एजेंडे में विकास, लोगों की सुख समृद्धि, लोक कल्याण, गरीब कल्याण, नौजवानों को रोजगार, किसानों का उत्थान और बेटियों की सुरक्षा नहीं थी । लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश की राजनीति का एजेंडा बदल गया है । आज देश का एजेंडा गाँव, गरीब व किसान की खुशहाली,सुरक्षा, स्वावलंबन और रोजगार बनता है । मलिक मोहम्मद जायसी की एक रचना को उद्धृत करते मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ईष्ट देव गोरक्षनाथ के परम अराधक जायसी की बात को काश आजादी के बाद भारत के प्रत्येक मुसलमान ने माना होता तो संभवतः वह न केवल संपन्न होता बल्कि किसी आरोप प्रत्यारोप से मुक्त भी रहता। उन्होंने कहा कि वोट बैंक बनने की मुसलमानों की तमन्ना उनकी प्रगति में बाधक रहा है। इस सच्चाई को स्वीकारना होगा, क्यों कि यही हम सबके विकास में बाधक रहा है ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बुधवार को अमेठी के तिलोई विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मंकेश्वर शरण सिंह के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि 2017 से पहले और बाद में प्रदेश में क्या क्या बदलाव हुए हैं यह किसी से छिपा नहीं है । 2017 में हमारी सरकार बनीं तो हमने पहला निर्णय 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी की, बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन और अवैध बूचड़खानों को बंद कर गो को कटने से बचाया। उन्होंने कहा कि छुट्टा पशुओं से फसल को नुकसान को बचाने के लिए हमारी सरकार 10 मार्च के बड़े बड़े गो शाला बनाएगी और बेसहारा पशुओं को पालने वाले किसान को प्रतिमाह 900 से एक हजार रुपये देगी । सपा-भाजपा सरकार की कार्यशैली में फर्क समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2012 में सत्ता में आयी सपा ने पहला निर्णय अयोध्या में श्रीराम मंदिर व संकटमोचन मंदिर पर हमला और लखनऊ में वाराणसी, कानपुर, बिजनौर और गोरखपुर में सीरियल बम ब्लास्ट करने वाले आतंवादियों के मुकदमे वापस लेने का लिया था, लेकिन न्यायालय को धन्यवाद देते हैं कि इनका षड्यंत्र सफल नहीं होने दिया। सीएम योगी ने कहा कि सपा को समर्थन देना आतंकवाद को प्रोत्साहन, गुंडों, माफिया और पेशेवर अपराधियों को संरक्षण तथा आने वाली पीढ़ी को बर्बाद करने जैसा है। इसलिए रायबरेली में हमने सपा मुखिया से पूछा कि अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में फांसी की सजा पाये 38 आतंकवादियों में से एक सपा के प्रचारक का लड़का है। आतंकवादी का परिवार सपा प्रचारक है। इस पर सपा मुखिया स्पष्टीकरण दें । उन्होंने कहा कि सपा का हाथ आतंवादियों के साथ है । इसका नाम सपा है, काम तो दंगावादी या आतंकवादी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च के बाद हमारी सरकार आएगी तो 60 साल या उससे ऊपर के लोगों को रोडवेज की बसों में टिकट नहीं लेना पड़ेगा, उन्हें फ्री में यात्रा की सुविधा रहेगी । किसानों के ट्यूबवेल के बिल जीरो करेंगे। उज्ज्वला योजना के हर लाभार्थी को दिवाली और होली मे फ्री रसोई गैस देंगे। मेधावी बेटियों को फ्री में स्कूटी और युवाओं को दो करोड़ टैबलेट और स्मार्ट फोन देंगे। इसके जरिये युवा आनलाइन परीक्षा की तैयारी और पढ़ाई कर सकेंगे और इसका खर्च भी सरकार उठाएगी। यही तो सपा, बसपा और कांग्रेस को चिढ़ है कि पैसा कहाँ से आ रहा है । उनकी सरकार में पैसे का टोटा होता था और घोटाले होते थे।
हमारी सरकार ने एक्सप्रेस वे, मेडिकल कॉलेज बना रही है। पांच सौ सालों के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है ।काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर बन चुका है । मां विंध्यवासिनी के धाम के साथ ही मथुरा, वृंदावन और ब्रज क्षेत्र भी सजा रहा है । उत्तर प्रदेश आज देश की नंबर 2 की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन चुका है । नंबर 1 की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भाजपा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सपा के राज में हर गांव में कब्रिस्तान की बाउंड्री बना। हमारी सरकार विकास के साथ ही तीर्थस्थलों का भी सुन्दरीकरण किया। यह फर्क साफ है । हमारे एक हाथ में विकास तो दूसरे हाथ से बुलडोजर चला है। यह बुलडोजर सड़क भी बनाता है और माफिया की अवैध कमाई के पैसे से खजाना भी भरता है ।

*अब कर्फ्यू नहीं, कांवर यात्रा निकलती है*
मुख्यमंत्री योगी ने कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर सपा को घेरते हुए एक बार फिर दोहराया कि 2017 से पहले नौकरी निकलते ही सैफई खानदान, चाचा-भतीजा वसूली पर निकल जाता था। पुलिस की भर्ती पर कोर्ट का स्टे आ जाता था। हमने पांच साल में बिना भेदभाव के पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी । सपा सरकार में दंगे होते थे, पर्व और त्योहार पर कर्फ्यू लग जाता था । आज कर्फ्यू के स्थान पर कांवड़ यात्रा निकलती है, बमबाजी करने वालों की जगह पर शिवभक्त निकलते हैं। माफिया और अपराधी गले में तख्ती डालकर जान बख्शने की गुहार लगा रहे हैं। गरीबों की जमीन पर कब्जा करने वाले आज कह रहे हैं कि सब्जी बेंचकर पेट पाल लेंगे लेकिन अपराध नही करेंगे।

*पहले बिजली भी जाति, मजहब में बंटी थी*

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले बिजली का जाति और मजहब हुआ करता था। ईद और मोहर्रम पर बिजली आती थी लेकिन होली और दिवाली पर गायब रहती थी। हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सबको पर्याप्त और निर्बाध बिजली दे रही है। कोरोना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का कोरोना प्रबंधन बेहतरीन रहा है। फ्री में जांच, उपचार और फ्री में वैक्सीनेशन हो रहा है। सपा वैक्सीन को भाजपा और मोदी का वैक्सीन बताकर दुष्प्रचार करती थी।
लेकिन यही सपा, बसपा और कांग्रेस होती तो वैक्सीन और इलाज पैसे भी ले लेते। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के डबल डोज का राशन भी दे रही है । सपा होती तो उनके गुर्गे राशन खा जाते, दाल ब्लैक कर देते और तेल पी जाते । बसपा के हाथी का तो पेट ही इतना बड़ा है कि पूरे प्रदेश का राशन ही खा जाए ।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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