Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

कांग्रेस की पोस्टर गर्ल ने ही खोली पार्टी की पोल, कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

Published

on

Loading

लंबे समय से लगातार भितरघात का शिकार हो रही कांग्रेस पार्टी अंदरूनी कलह के चलते हाशिए पर आ गई है। आलम यह है कि देश की 130 साल पुरानी पार्टी आज खुद के अस्तित्व की तलाश भारतीय सियासत में कर रही है। ऐसे में एक और नया बवाल पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्या ने अपनी पार्टी पर संगीन आरोप लगाए हैं।
प्रियंका के अनुसार पार्टी ने उनके साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। “लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ कैंपेन की पोस्टर गर्ल” और महिला कांग्रेस की मध्य ज़ोन की उपाध्यक्ष प्रियंका मौर्या ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि “मेरे नाम का इस्तेमाल किया गया। मुझे use किया गया। ये पार्टी महिला विरोधी है।”

Priyanka Maurya, the poster girl of Congress's women's manifesto, said that  Sandeep Singh had asked for money in lieu of the ticket. | लड़की हूं, लड़  सकती हूं कैंपेन की डॉ. प्रियंका
कांग्रेस पार्टी को महिला विरोधी पार्टी करार देते हुए लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ कैंपेन की पोस्टर गर्ल ने कांग्रेस पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए आगे कहा कि “यहां यहां सारे टिकट pre planned हैं। सिर्फ दिखावे के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है। प्रियंका मौर्या यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आरोपों की बौछार करते हुए कहा, हमसे कहा गया कि टिकट चाहिए तो मैराथन के लिए लड़कियां लाइये। मैराथन में लड़कियों के साथ बहुत बुरा सुलूक किया गया।
प्रियंका के इन आरोपों के बाद पार्टी की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है ना ही किसी पार्टी प्रवक्ता ने इस पर अपना रिएक्शन दिया है। लेकिन कुल मिलाकर इस तरह की बयानबाजी कांग्रेस की सेहत के लिए ठीक नहीं है। साथ ही यह बीजेपी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के लिए एक मौका है कांग्रेस की खिंचाई करने का।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

Continue Reading

Trending