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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी के सम्मान में व्हाइट हाउस में डिनर पार्टी, जानिए परोसे गए कौन से व्यंजन

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Dinner party at White House in honor of PM Modi

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वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चार दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। इसी कर्म में कल बुधवार को पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। इस दौरान अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन भी मौजूद रहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आयोजित डिनर में पीएम मोदी शामिल हुए। डिनर में बाजरा और राष्ट्रपति बाइडन के पसंदीदा व्यंजन भी शामिल थे।

खाने में राष्ट्रपति का पसंदीदा भोजन भी शामिल

व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक निजी डिनर की मेजबानी की। डिनर में राष्ट्रपति का पसंदीदा व्यंजन आइसक्रीम और पास्ता भी शामिल था। इस दौरान अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुल्वियन और भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल रहे।

डिनर का यह है मैन्यू

लेमन डिल योगर्ट सॉस

क्रिस्प्ड मिलेट केक

समर स्कावशेश

मैरिनेटेड मिलेट

ग्रिल्ड कॉर्न कर्नल सलाद

कंप्रेस्ड वाटरमेलन

टैंगी एवाकाडो सॉस

स्टफ्ड पोर्टोबेल्लो मशरूम

क्रीमी सैफरॉन इन्फ्यूस्ड रिसोट्टो

रोज एंड कार्डामोन- इनफ्यूस्ड स्ट्रॉबेरी शॉर्टकेक

भारतीय नृत्य का हुआ आयोजन

राष्ट्रपति जो बाइडन, जिल बाइडन ने पीएम मोदी के साथ संगीत का आनंद लिया, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों को समर्पित थी। धूम स्टूडियो के कलाकारों ने यह प्रस्तुति दी थी, जो एक डीएमवी आधारित समूह है। समूह नई पीढ़ी को भारतीय नृत्य के जीवंत संस्कृति से जोड़ने का प्रयास करता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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