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दो बच्चे की सीमा वाले कानून का समर्थन नहीं, चीन की गलती न दोहराएं: ओवैसी

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Asaduddin Owaisi

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नई दिल्ली। देश में बढ़ती आबादी को लेकर चल रही बहस और इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाने की मांग के बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि वह ऐसे किसी कानून के समर्थन नहीं करेंगे, जिसमें दो बच्चे पैदा करने की सीमा तय कर दी जाए।

ओवैसी ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘हमें चीन की गलती नहीं दोहरानी चाहिए। मैं ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करूंगा, जिसमें दो बच्चों की नीति बनाने की बात हो। इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा।’

इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि जनसंख्या में इजाफे के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने में सबसे आगे रहा है।

उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान के जवाब में यह बात कही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी एक वर्ग की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने से अराजकता फैल जाएगी और जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।

ओवैसी ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था, ‘उनके अपने हेल्थ मिनिस्टर का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है। मुस्लिम ही गर्भ निरोधक उपायों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।’

क्या मुस्लिम भारत के निवासी नहीं हैं?

मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ने के सवाल पर ओवैसी ने कहा था, ‘क्या मुस्लिम भारत के रहने वाले नहीं हैं? यदि हम सच्चाई देखें तो यहां के मूल निवासी को आदिवासी और द्रविड़ ही हैं। यूपी में बिना किसी कानून के ही फर्टिलिटी रेट में कमी 2026-30 के बीच देखने को मिल सकती है। भारत की फर्टिलिटी रेट लगातार कम हो रही है। 2030 तक इसमें स्थिरता देखने को मिलेगी।

नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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