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अन्तर्राष्ट्रीय

एलन मस्क ने की पीएम मोदी से मुलाकात, भारत में जल्द एंट्री कर सकती है टेस्ला

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Elon Musk meets PM Modi

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वाशिंगटन। अमेरिका दौरे पर गए पीएम मोदी कई हस्तियों से मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और पीएम मोदी की कल मंगलवार को अमेरिका में मुलाकात हुई है। पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट पर दोनों की मुलाकात की फोटो भी शेयर की गई है।

क्या भारत में होगी एंट्री

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला जल्द ही भारत में एंट्री कर सकती है। इसकी जानकारी एलन मस्क ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह भारत में जितना जल्दी संभव हो सकेगा, उतना जल्दी निवेश करना चाहते हैं।

मस्क ने क्या कहा

पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि टेस्ला भारत में होगी और यह जल्दी ही मानवीय रूप से संभव हो सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी को समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं और उम्मीद है कि हम भविष्य में कुछ घोषणा करने में सक्षम होंगे। मस्क ने बताया है कि वह अगले साल भारत दौरे पर आ सकते हैं।

पहले भी मस्क दे चुके हैं बयान

पीएम मोदी से अमेरिका में मुलाकात से पहले भी एलन मस्क भारत आने की बात कह चुके हैं। एक इंटरव्यू के दौरान जब मस्क से पूछा गया कि क्या टेस्ला भारत में नई फैक्ट्री के लिए इच्छुक है तो मस्क ने इसका जवाब जरूर में दिया।

भारत आ चुके हैं अधिकारी

हाल में ही टेस्ला के कुछ अधिकारियों ने संभावनाएं तलाश करने के लिए भारत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने भारतीय अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला के अधिकारियों ने भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और आर एंड डी यूनिट लगाने की बात कही थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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