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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी को एलन मस्क ने बताया होनहार   

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Elon Musk told presidential candidate Vivek Ramaswamy promising

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वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर राजनीति चरम पर है। हर उम्मीदवार खुद को सबसे बेहतर बता रहा है। इस बार के चुनाव में कई भारतवंशी मैदान में हैं और उन्हें दावेदार माना जा रहा है। इनमें रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। रामास्वामी की तारीफ अब टेस्ला के मालिक और अरबपति एलन मस्क ने की है और उन्हें होनहार बताया है।

मस्क की प्रतिक्रिया

एलन मस्क ने शुक्रवार को भारतीय-अमेरिकी अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘होनहार’ बताया। ट्विटर के मालिक मस्क रिपब्लिकन नेता द्वारा एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

हार्वर्ड से की है पढ़ाई

हार्वर्ड और येल विश्वविद्यालयों से स्नातक करने वाले रामास्वामी का जन्म भारतीय माता-पिता के घर हुआ था, जो केरल से अमेरिका चले गए थे। विवेक रामास्वामी टेक बिजनसमेन हैं और अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हैं।

रामास्वामी ने हेल्थकेयर और टेक्नोलोजी कंपनियों की स्थापना की है। 2022 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रोजमर्रा के नागरिकों की आवाज को बहाल करने पर उन्होंने एक नई फर्म, स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट की शुरुआत की।

चीन का करते हैं खुलकर विरोद्ध

विवेक रामास्वामी को स्वास्थ्य सेवा में बदलाव की प्रतिबद्धता के लिए वैश्विक मान्यता मिली है। वह चीन पर अमेरिका की निर्भरता समाप्त करने के लिए खुलकर बोलते हैं और इसी की वजह से उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ती जा रही है।

रामास्वामी कई बार कह चुके हैं कि चीन से मुकाबला करने के लिए एक अच्छी विदेश नीति की जरूरत है, जिसे वो मौका आने पर देंगे। रामास्वामी, निक्की हेली और हर्षवर्धन सिंह तीन भारतीय-अमेरिकी हैं जो जनवरी में शीर्ष पद के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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