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आध्यात्म

राम नगरी अयोध्या में दीपोत्सव पर होंगे लोकनृत्य, बहेगी लोकसंस्कृति की बयार

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लखनऊ/अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में दीपोत्सव (festival of lights) की सारी तैयारी हो गई है। महज कुछ घण्टे शेष, फिर विश्व फलक पर अयोध्या के दीपोत्सव की गूंज एक बार फिर सबसे बड़े पैमाने पर गूंजेगी। आस्था और अध्यात्म के संगम के बीच योगी सरकार लोकगीतों, वाद्ययंत्रों व सँस्कृति के प्रचार-प्रसार को भी नहीं भूली।

धोबिया, फरुआही, राई, छाऊ लोकनृत्य को भी वैश्विक मंच दे रही योगी सरकार

विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे ग्रामीण परिवेश के धोबिया, फरुआही नृत्य के कलाकारों को भी योगी सरकार ने दीपोत्सव जैसा अविस्मरणीय मंच दिया। राम की अयोध्या में ब्रज के लोकनृत्य की भी बयार बहाने का अवसर उपलब्ध कराया। अवध में ब्रज के कलाकार राम-कृष्ण की धरती की संस्कृति, भाषा और शैली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।

तीन दिनों तक रहेगा कई भाषा, बोली और संस्कृति का संगम

अयोध्या के छठवें दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा, शैली/बोली व संस्कृति का भी संगम दिखेगा। 21 से 23 अक्टूबर तक यहां उत्तर प्रदेश व कई राज्यों के कलाकार प्रस्तुति देंगे। स्थानीय कलाकार विजय यादव व मुकेश कुमार फरुआही नृत्य करेंगे तो आजमगढ़ के मुन्नालाल यादव धोबिया नृत्य पर प्रस्तुति देंगे।

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गाजीपुर के कलाकार पारसनाथ यादव अयोध्या के मंच पर लोकगायन की प्रस्तुति देंगे। बिरहा सुनने का अवसर भी अयोध्यावासियों को मिलेगा। भदोही के शेषमणि सरोज अपने बिरहा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। झांसी के रणसिंघा विधा की महक प्रशांत आर्या बिखेरेंगे।

कई प्रांतों के कलाकार भी अपनी संस्कृति से कराएंगे रूबरू

योगी सरकार ने जहां उत्तर प्रदेश के कई कलाकारों और विधा को मंच दिया है, वहीं अन्य प्रांतों की संस्कृति को भी अवध की धरती पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है। हरियाणा के महावीर सिंह गुड्डू वहां के लोकगीत और नृत्य से परिचित कराएंगे तो झारखंड के सृष्टि धर महतो छाऊ नृत्य के जरिये अपने प्रदेश की सांस्कृतिक झलक दिखाएंगे।

मुंबई की प्रीत प्रेरणा के भजन भी सांस्कृतिक मंच पर भगवान राम के श्रीचरणों में अपनी हाजिरी लगाएंगे। नई दिल्ली की कथक कलाकार अरूपा लहरी की भी प्रस्तुति होगी। गुजरात सरकार के संस्कृति मंत्रालय की तरफ से भी लोकनृत्य का आयोजन होगा।

जिलों के कलाकारों को भी मिलेगा मंच

योगी सरकार अधिक से अधिक कलाकारों को मंचीय प्रतिभा दिखाने का अवसर दे रही है। इसके लिए संस्कृति विभाग ने काफी तैयारी भी की। यहाँ प्रदेश के लखनऊ, अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, भदोही, गोंडा, सोनभद्र, गाजीपुर, बाराबंकी,

अमेठी, अकबरपुर, सुल्तानपुर, झांसी, बाँदा समेत कई भाषाओं व शैलियों से जुड़ी संस्कृति की झलक भी अवध  में देखने-सुनने को मिलेगी। यानी अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेलखंडी समेत कई शैलियों के संगम से श्रोता सराबोर होंगे।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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