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उत्तर प्रदेश

50 वर्ष से अधिक पुराने सेतुओं का निरीक्षण कराएं, सुरक्षित न हो तो तत्काल बंद कराएं यातायात: मुख्यमंत्री योगी

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● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और निर्माणकार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-

● विगत 07 वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष आज 2024 में स्टेट हाइवे 7002 किमी से बढ़कर 10214 किमी हो गया है, जबकि ग्रामीण मार्गों की लंबाई 1,87,517 किमी से बढ़कर 1,93,581 किमी हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों का संजाल में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 09 किमी मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण हो रहा है और हर दिन गांवों में लगभग 11 किमी नई सड़क बन रही है। विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में सड़क निर्माण की यह गति अभूतपूर्व है। इसे और बेहतर करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।

● 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर/पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए। स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें।

● आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को शतप्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए। 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्ययस्था सुनिश्चित की जाए।

● ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए। यह संतोषप्रद है कि कुल 165 में से 143 मार्गों का निर्माण पूरा हो गया है, यथाशीघ्र अवशेष कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए।

● प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो।

● यह सराहनीय है कि देश में सर्वप्रथम यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा FDR निर्माण तकनीक का प्रयोग किया गया। जनपद उन्नाव में FDR का कार्य पुराने मार्ग को रीसाइकिल कर सीमेंटेड बेस एवं कानपुर देहात में एडिटिव का प्रयोग कर निर्माण कार्य कराया गया था। यह अच्छा प्रयोग था। हमारा प्रयास हो कि अन्य जिला मार्गों में बनने वाली कुल सड़कों का आधा इसी तकनीक से बनाया जाए। नवाचारों को अपनाएं।

● मार्ग पर वर्तमान PCU पर प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के मार्गो के चौड़ीकरण के मानकों को और बेहतर किया जाना चाहिए। सड़कें और चौड़ी हों, इससे आवागमन और अधिक सुविधाजनक होगा। नई सड़क पर बरसात से कटान हो तो उसका सुधारीकरण तत्काल कराया जाए।

● सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।

● यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 07 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आरओबी, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम में विशेषज्ञों की तैनाती की जाए। कहीं भी मानव संसाधन की कमी न हो। कैपेसिटी बिल्डिंग करें। आईआईटी जैसे संस्थानों को भी जोड़ें।

● प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। DPR को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए और फिर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए।

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उत्तर प्रदेश

शिक्षा के क्षेत्र में किया गया कोई भी योगदान व्यर्थ नहीं जाता : मुख्यमंत्री योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किया गया कोई भी योगदान व्यर्थ नहीं जाता है। बच्चों की पढ़ाई पर किया जाने वाला खर्च समाज और देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में अत्यंत उपयोगी होता है क्योंकि शिक्षा व्यक्ति, समाज और देश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है। इसी ध्येय से यूपी के युवाओं को आगे बढने के अवसर प्रदान करने के लिए तमाम अभिनव कार्य हो रहे हैं। सरकार वर्तमान और भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

सीएम योगी शनिवार को सहजनवा के सिसवा अनंतपुर में जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय का लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में आज पहले जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय (आश्रम पद्धति) का शुभारंभ हो रहा है। बालकों के लिए इस जिले में आश्रम पद्धति के दो विद्यालय पहले से चल रहे हैं। समाज कल्याण विभाग ने बालिकाओं के लिए भी सर्वोदय विद्यालयों की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है। बालिकाओं की बेहतरीन शिक्षा के लिए सरकार हर ब्लॉक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत कर रही है।

बड़े पैमाने पर बन रहे सर्वोदय और एकलव्य विद्यालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में बड़े पैमाने पर आश्रम पद्धति विद्यालय बन रहे हैं। समाज कल्याण विभाग जनजातीय क्षेत्रों में इसी तर्ज पर एकलव्य विद्यालय भी बना रहा है। सरकार ने तय किया है कि हर जिले में सीएम कंपोजिट विद्यालय और अभ्युदय विद्यालय भी तेजी से बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित बच्चों के लिए हर मंडल में मुफ्त आवसीय व्यवस्था के तहत अटल आवासीय विद्यालय खोले गए हैं जहां बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई के लिए सारी व्यवस्था की गई है।

12वीं तक की पढ़ाई के बाद अभ्युदय कोचिंग की सुविधा

सीएम योगी ने कहा कि बच्चों को 12वीं तक की पढ़ाई के बाद मेडिकल, इंजीनियरिंग, यूपीएससी, सेना, बैंक पीओ आदि की तैयारी के लिए अभ्युदय कोचिंग सेंटर भी खोले गए हैं। यहां बेहतरीन फैकल्टी के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर अधिकारी बने लोग भी बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं। अभ्युदय कोचिंग की सुविधा फिजिकली और वर्चुअली, दोनों तरीके से उपलब्ध हो रही है।

बालिकाओं को पढ़ाई के साथ खेल और कौशल विकास से भी जोड़ें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोदय बालिका विद्यालय में अलग अलग जगहों से आई बच्चियां प्रतियोगिता से आई हैं। उनमें जज्बा है, आगे बढ़ने की ललक है। ये बच्चियां अपना करियर तो बनाएंगी ही, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी। सीएम ने विद्यालय के प्रधानाचार्य और अधीक्षक से अपील की कि वे बालिकाओं की पढ़ाई, दिनचर्या को व्यवस्थित कराने के साथ उन्हें कौशल विकास, खेल और सामाजिक जागरूकता के कार्यों से भी जोड़ें। अगर किसी बालिका में कुछ खास हुनर है तो उसे उचित प्लेटफार्म प्रदान करें। उन्होंने विद्यालय परिसर, इसके ऑडिटोरियम और उपलब्ध सुविधाओं की सराहना की और कहा कि यह विद्यालय पूर्वांचल की बालिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा।

अगली पीढ़ी को ताकत देने के लिए सीएम योगी सदैव प्रयत्नशील : असीम अरुण

सर्वोदय बालिका विद्यालय के लोकार्पण अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगली पीढ़ी को ताकत देने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। बेटियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए उनके मार्गदर्शन में अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम पद्धति के सर्वोदय विद्यालयों में अभ्युदय कोचिंग की सुविधा भी दी जा रही है। समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि इस साल पांच और सर्वोदय विद्यालय शुरू हो रहे हैं और अगले साल ऐसे सात विद्यालय प्रारंभ हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से आने वाले कुछ सालों में सर्वोदय और एकलव्य विद्यालयों को मिलाकर सवा सौ स्कूल शुरू हो जाएंगे। स्वागत संबोधन सहजनवा के विधायक प्रदीप शुक्ल ने किया। इस अवसर पर बालिकाओं की तरफ से मुख्यमंत्री और अन्य मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गौड़, विधायक फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान, राजेश त्रिपाठी, समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, मदन मुरारी गुप्ता, रामपाल सिंह, नरेंद्र शुक्ल, प्रमोद राय आदि भी उपस्थित रहे।

बालिकाओं से सीएम योगी ने किया आत्मीय संवाद

जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कक्षा में जाकर नवप्रवेशी बालिकाओं से आत्मीय संवाद किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें खूब पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया। सीएम से मुलाकात करने के बाद इन बालिकाओं की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।

35 करोड़ से बना है सर्वोदय आवासीय बालिका विद्यालय

समाज कल्याण विभाग की तरफ से संचालित होने वाले जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय के निर्माण पर 35.33 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस वर्ष यहां 210 बालिकाओं के दाखिले हुए हैं। जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ निशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म एवं खेलकूद आदि की व्यवस्था प्रदेश सरकार करती है। इन विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। कुल प्रवेशार्थियों में 85 प्रतिशत विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों के होते हैं। उल्लेखनीय है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय अब जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय के नाम से जाने जाते हैं। गोरखपुर में चौरीचौरा के गौनर विशुनपुर में तथा गोला के पतरा में ऐसे विद्यालय पहले से संचालित हैं। सीएम योगी के मार्गदर्शन में आवासीय व्यवस्था के साथ बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सहजनवा के सिसवा अनंतपुर में जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय का निर्माण कराया गया है।

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