उत्तर प्रदेश
आजम खान पर बकरी चोरी के आरोप तय, कसा तंज- बकरी डकैत होना मामूली बात नहीं
रामपुर (उप्र)। सपा नेता आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के चंद घंटे बाद ही कल शुक्रवार को उनके खिलाफ सात मामलों में आरोप तय कर दिए गए। इनमें से तीन मामले यतीमखाना प्रकरण से संबंधित हैं, जबकि चार मामले थाना गंज डूंगरपुर से संबंधित हैं। यतीमखाना प्रकरण में आजम खान पर बकरी चोरी और भैंस चोरी के आरोप हैं। इसमें बकरी चोरी, भैंस चोरी और लूटपाट के दौरान गाली-गलौज के आरोप हैं।
यतीमखाना प्रकरण में आजम खान पर बकरी चोरी और भैंस चोरी के आरोप हैं। इसमें बकरी चोरी, भैंस चोरी और लूटपाट के दौरान गाली-गलौज के आरोप हैं। इसमें आजम खान के इशारे पर घरों पर बुलडोजर चलाने का आरोप है।
मुर्गी, बकरी डकैत होना मामूली बात नहीं
मुरादाबाद कोर्ट में एक केस की पेशी के लिए पहुंचे आजम खान ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि मैं ऐसा मुलजिम हूं जो बकरी, मुर्गी, भैंस, किताबों और फर्नीचर का डकैत है। उनके खिलाफ कार्रवाई का बड़ा कारण ये है कि वह बकरी डकैत हैं, बकरी डकैत होना कोई मामूली कारण थोड़े ही है।
सब राजा के मन पर है
इससे पहले जिला अदालत से बाहर निकले आजम खान सुप्रीम कोर्ट के लिए शुक्रगुजार नजर आए वहीं प्रदेश सरकार पर पूछे गए सवालों में सरकार का बचाव करते नजर आए। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि नमाज पर कहीं पाबंदी नहीं है बल्कि कहां पढ़ी जाए इस पर बहस हो रही है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को राजा की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि यह सब राजा के मन पर निर्भर करता है।
7 मामलों में तय हुए आरोप
सरकारी वकील कमल गुप्ता ने बताया आज आजम खां के साथ मामले में जांच हुई है, जिसमें तीन मामले थाना कोतवाली से संबंधित है। चार मामले थाना गंज से डूंगरपुर वाले मामले में चार्ज फ्रेम हुआ है सारे मुल्जीमान आजम खान, वीरेंद्र गोयल, फसाहत शानू, ओमेंद्र चौहान आज माननीय न्यायालय आए थे और न्यायालय में इनके ऊपर चार्ज फ्रेम कर दिया गया है।
3 मामले तो थाना कोतवाली से संबंधित हैं और 4 मामले थाना गंज से डूंगरपुर से संबंधित हैं जहां मकान ढाए गए हैं तोड़े गए हैं जबरन कब्जा किया गया है। इन आरोपियों द्वारा अब इनके खिलाफ, इन मामलों में, जिनमें आरोप तय हुए हैं मुकदमा चलेगा। अब गवाह को तलब किया जाएगा
यतीम खाने के प्रकरण में भी इन आरोपियों पर आरोप तय किए गए हैं। आरोपियों पर यतीम खाने में तोड़फोड़, लूटपाट और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर उन्हें बेघर कर दिए जाने के आरोप तय किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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