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सर्दियों में गजक है गुड़कारी, जानिए फायदे

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सर्दियों के मौसम में अगर गजक खाने का आनंद न लिया जाये तो सर्दी का सीजन ही बेकार सा लगता है। सर्दी में गजक खाना बहुत लोगों को पसंद भी होता है। लेकिन गजक को लोग केवल स्वाद के लिए ही खाना पसंद करते हैं। जबकि गजक केवल स्वाद को ही बेहतर नहीं बनाती है। ये सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होती है।

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अगर अभी तक आप गजक खाने के फायदों से अनजान हैं। तो आज हम आपको बताते हैं कि गजक खाने से सेहत को क्या-क्या फायदे मिलते हैं। आइये जानते हैं गजक के फायदों के बारे में।

गजक खाने के फायदे

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हड्डियां मजबूत होती हैं

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गजक खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं। दरअसल, गजक गुड़ और तिल को मिलाकर बनाई जाती है, इस वजह से इसमें काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। जो हड्डियों को मजबूती देने का काम करता है। इतना ही नहीं गजक अर्थराइटिस की दिक्कत को दूर करने में भी मदद करती है।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है

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गजक खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। गजक में मौजूद तिल सिसामोलिन से भरपूर होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं।

एनर्जी मिलती है

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गजक खाने से एनर्जी मिलती है क्योंकि तिल और गुड़ तो एनर्जी देते ही हैं। साथ ही कई तरह की गजक में ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल भी किया जाता है। जो वीकनेस दूर करके बॉडी को एनर्जी देने में मदद करते हैं।

पाचन क्रिया बेहतर होती है

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गजक खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। दरअसल, गजक में फाइबर काफी मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही कब्ज और गैस जैसी दिक्कतें भी दूर होती हैं।

एनीमिया की दिक्कत दूर होती है

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गजक में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जिसके चलते गजक खाने से एनीमिया की दिक्कत दूर होती है। जिससे थकान और कमजोरी से भी निजात मिलती है।

बॉडी को गर्माहट मिलती

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गजक खाने से बॉडी को गर्माहट भी मिलती है। क्योंकि तिल और गुड़ दोनों ही चीजों की तासीर गर्म होती है। इसी वजह से इसका सेवन सर्दियों के मौसम में किया जाता है।

स्किन ग्लोइंग बनती है

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गजक खाने से स्किन में भी ग्लो आता है। इसकी वजह है गजक में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, जिंक और सेलेनियम जैसे तत्व जो स्किन को यंग बनाने में मदद करते हैं। इससे फाइन लाइंस भी कम होती हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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