उत्तराखंड
गुरजीत कौर हत्याकांड पर हरीश रावत ने उठाए पुलिस की कार्यशली पर सवाल
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने भरतपुर निवासी गुरजीत कौर की मौत की कड़े शब्दों में भर्त्सना कर उत्तराखंड पुलिस की कार्यशली पर सवाल उठाए हैं। रावत ने कहा कि पुलिस अपराधियों की मित्र नहीं होनी चाहिए।
रावत ने कहा कि वारदात को अंजाम देने के बाद यूपी पुलिस कर्मी भाग गए या भगा दिए गए। दोनों की स्थितियां शर्मनाक है। उन्होंने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। रावत रविवार को ग्राम भरतपुर में ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर के आवास पर पहुंचे थे।
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उन्होंने गुरजीत की हत्या पर दुख जताते हुए शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। कहा कि घर के अंदर एक महिला की हत्या हो जाना अत्यधिक चिंताजनक और निंदनीय है। बिना वर्दी के घर में घुसे असलहाधारियों ने यह सुनियोजित हत्या की है।
Harish Rawat ने कहा कि अगर यूपी पुलिस दबिश देने आई थी तो उसने चंद कदम पर कुंडा थाना पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया। कहा कि सीबीआई सरकार का तोता है, कांग्रेस सीबीआई जांच का समर्थन नहीं करती। फिर भी केद्र सरकार को इस केस का स्वतः संज्ञान लेकर इस तरह के उलझे केसों की सीबीआई जांच करानी चाहिए। गुरजीत के हत्यारोपी यूपी के पुलिस कर्मी हैं।
रावत ने कहा कि यूपी सरकार को नैतिकता का परिचय देते हुए इस मामले के आरोपियों को उत्तराखंड पुलिस के सुपुर्द करना चाहिए। अन्यथा मृतका के परिजन न्याय के लिए कोर्ट का सहारा लेंगे।
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि परिवार के लोगों ने उन्हें गोलीकांड के बारे में जो जानकारी दी है वो उत्तराखंड की कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक है।अगर आरोपी अभिरक्षा से भागे हैं तो उनके खिलाफ इस आरोप में भी मुकदमा लिखा जाना चाहिए। गोलीकांड की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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उत्तराखंड
उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।
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