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जुर्म

सिंघु बॉर्डर हत्या मामले में दो निहंगों ने किया सरेंडर, माला पहन पहुंचे थाने

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सिंघु बॉर्डर के कुंडली में किसान आंदोलन स्थल के पास हुई लखबीर सिंह की हत्या के मामले में गिरफ्तारियां शुरू हो चुकी हैं। इस घटना की पूरी ज़िमेदारी निहंगों के समूह निर्वैर खालसा-उड़ान ने ले ली है। बता दें कि निहंग समुदाय के सदस्य सरबजीत सिंह को आज सोनीपत की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सिंह ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास कुंडली में किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक व्यक्ति की बर्बर हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

मामले में कुल 4 की हुई गिरफ्तारी 

सूत्रों ने बताया कि सिंह के पिता कश्मीर सिंह को भी सोनीपत से गिरफ्तार किया गया है। मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरनतारन के चीमा खुर्द गांव का रहने वाला मजदूर था और उसकी उम्र करीब 35 साल थी। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंग घायल व्यक्ति के सिर के पास कटे हुए बाएं हाथ के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। समूह को उन पर एक सिख पवित्र पुस्तक का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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बता दें कि दो और निहंग – ‘योद्धा’ सिखों ने हत्या के मामले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। एक ने आज सुबह आत्मसमर्पण कर दिया और दूसरे को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे मामले में आरोपियों की कुल संख्या चार हो गई। बीती शाम आत्मसमर्पण करने वालों की पहचान भगवंत सिंह और गोविंद सिंह के रूप में हुई है. विजुअल्स में दो पुरुषों को दिखाया गया है – उनके गले में माला के साथ – समर्थकों के रूप में चलते हुए लोगों उनका उत्साह बढ़ाया।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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