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प्रादेशिक

इंदौर: विवादित लेखिका डॉ. फरहत खान फरार, गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी

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Indore: Controversial writer Dr. Farhat Khan absconding, continuous raids for arrest

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इंदौर। मप्र के इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में विवादित पुस्तक ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ की लेखिका डॉ. फरहत खान घर से फरार हैं। केस दर्ज होने के बाद फरहत खान व प्रकाशक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें गठित कर दी गई है और गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

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केस दर्ज होने के बाद डॉ. फरहत खान परिवार समेत फरार है। मामले के सभी आरोपित अग्रिम जमानत की जुगाड़ में लगे हैं। पुलिस अभी तक किसी भी आरोपित को पकड़ नहीं सकी।

क्या है पूरा मामला?

इंदौर के नवीन विधि महाविद्यालय की प्रोफ्रेसर डॉ. फरहत खान अपनी किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ को लेकर विवादों के घेरे में है। इंदौर की भंवरकुआं पुलिस ने किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान और प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन और लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ केस दर्ज किया है।

भंवरकुआं पुलिस ने लेखिका डॉ. फरहत खान के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया है।

हालांकि पुलिस अभी तक एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। 5 दिसंबर को कुछ लोगों की खोजबीन शुरू की लेकिन पता चला लेखिका घर से गायब है। उनके मकान (श्रीनगर कांकड़) पर ताला लगा हुआ मिला।

राष्ट्र के खिलाफ गृह युद्ध छेड़ने का आरोप

शिकायतकर्ता लकी आदिवाल ने धार्मिक उन्माद, वैमनस्यता एवं राष्ट्र की संप्रभुता,अखंडता को बिगाड़ने और छात्रों में राष्ट्र के प्रति नफरत और गृह युद्ध छेड़ने की साजिश बताया है।

भंवरकुआं टीआइ शशिकांत चौरसिया के मुताबिक लकी का आरोप है कि आरोपितों द्वारा असत्य, निराधार, राष्ट्रविरोधी, लोक प्रशांति को भंग करने के उद्देश से राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकुल प्रभाव डालने वाले धार्मिक उन्माद फैलाने के इरादे से झूठा, सारहीन बगैर साक्ष्य के हिंदू धर्म के खिलाफ टिप्पणी की गई है।

लेखक का उद्देश्य मुस्लिम छात्रों में हिंदू धर्म के विरुद्ध नफरत फैलाने की भावनाएं डालकर देश में आंतरिक गृह युद्ध छेड़कर राष्ट्र की संप्रभुता एवं आंतरिक सुरक्षा एवं धार्मिक सौहार्द पर कुठाराघात है।

वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि देश विरोधी किताब लिखने वाली डॉ. फरहत खान की डॉक्टरेट की डिग्री की वापसी के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखेंगे।

छात्रों का किया जा रहा ब्रेनवाश

लेखिका ने विधि कालेज को केंद्र बिंदू बनाया और प्राचार्य डा. ईनामूल के माध्यम से छात्रों को विवादित सामग्री परोसी गई। इस कृत्य को शैक्षणिक जिहाद का नाम दिया गया है। राष्ट्र विरोधी छात्रों का ब्रेनवाश कर अन्य संगठनों से ट्रेनिंग पाने के लिए उकसाया जा रहा है। नफरत एवं उन्माद की भावना जगाकर मुस्लिम छात्रों को देश में गृह युद्ध छेड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा। शिक्षकों द्वारा पुस्तकें पढ़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा।

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गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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