प्रादेशिक
यूपी में आज हो रही पहले चरण की वोटिंग, वोट नहीं डालेंगे जयंत चौधरी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। जयंत चौधरी मथुरा क्षेत्र के मतदाता हैं। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के अनुसार वह अपनी चुनावी रैली की वजह से वोट डालने नहीं जाएंगे। हालांकि एक तरफ देश व प्रदेश के दिग्गज नेता लोगों से बढ़चढ़ कर मतदान करने के लिए अपील कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ जयंत चौधरी स्वयं ही अपना मतदान नहीं करने का फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी. डी. राम तिवारी के अनुसार सुबह 11 बजे तक मतदान 7.93 फीसदी हुआ रहा। वहीं बुलंदशहर की सात विधानसभा सीटों पर सुबह 11 बजे तक 21.62 फीसदी मतदान हुआ। हापुड़ में 22.8 फीसदी, बागपत में 22 फीसदी, अलीगढ़ में 17 फीसदी मतदान हुआ।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण के 11 जिलों में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में वोटिंग होगी।
इन 11 जिलों में पहले फेज की वोटिंग में 58 विधानसभा सीटों पर कुल 623 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मथुरा और मुजफ्फरनगर दो सीट ऐसी हैं, जहां से सबसे ज्यादा 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले चरण में मैदान में उतरे 46 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। प्रत्याशियों की औसतन आय 3.72 करोड़ रुपये है। 156 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। पहले चरण में योगी सरकार के 9 मंत्री भी मैदान में हैं।
पहले चरण में जिन 58 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है उनमें नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ, छपरौली, बरौत, बागपत, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, दौलाना, हापुड़, कैराना, थाना भवन, शामली, बुढ़ाना, छरतावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर, किठौर, गढ़मुक्तेश्वर, स्याना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा, खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास, छाता, मंत, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव, एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा रूरल, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और बाह विधानसभा सीट शामिल है। वहीं क्षेत्र में कुल मतदाता – 2,27,83,739 है, इसमें पुरुषों की संख्या 1,23, 31,251 जबकि महिलाओं की संख्या 1,04,51,053 वहीं थर्ड जेंडर की कुल संख्या 1,435 हैं। पहले चरण के लिए पोलिंग स्टेशन 10,766 बनाये गए हैं। वहीं कुल 25,849 मतदान केंद्र हैं।
इनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा की जिन 58 सीटों पर पहले चरण में वोट पड़ रहे हैं, उनमें से 53 सीटों पर साल 2017 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के खाते में दो-दो सीटें गई थी, जबकि एक पर आरएलडी प्रत्याशी की जीत हुई थी, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
-
लाइफ स्टाइल21 hours ago
स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव
-
खेल-कूद3 days ago
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी मनु भाकर पर टूटा दुखों का पहाड़, दर्दनाक सड़क हादसे में नानी और मामा की मौत
-
प्रादेशिक2 days ago
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फैजान अंसारी ने सैफ को अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर को दी 11 हजार रु की आर्थिक सहायता
-
प्रादेशिक3 days ago
क्या बिग बॉस 18 के फिनाले में जगह बनाने के लिए ईशा सिंह ने दिए पैसे, जानें क्या है सच
-
ऑफ़बीट3 days ago
कौन है महाकुंभ की मोनालिसा ? जो सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण आज, मुकेश और नीता अंबानी भी होंगे शामिल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार
-
नेशनल2 days ago
कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-हत्या मामला: संजय राय को उम्रकैद की सजा, 50 हजार का जुर्माना भी लगा