झारखण्ड
झारखंड: CM हेमंत सोरेन को HC से झटका, ED के समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट और अब झारखंड हाई कोर्ट से उन्हें तगड़ा मिला है। ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
सीएम ने समन का किया है उल्लंघन: ED
आज हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सीएम ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है। वह किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए हैं। ऐसे अब समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं हैं इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है। सीएम की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल में अदालत को बताया कि सीएम के खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है ऐसे में ईडी का समन उचित नहीं है।
इस वजह से हुई सीएम सोरेन की याचिका खारिज
इस पर ED ने कहा कि प्रार्थी ने जिस PMLA ACT की धारा 50 और 60 को चुनौती दी है उसे सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के केस में डिसाइड कर चुका है। इसके तहत एजेंसी को समन और बयान लेने का अधिकार है। ऐसे में हाई कोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकता है। अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया।
SC ने कही थी HC जाने की बात
इससे पहले बीते 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई थी। मुख्यमंत्री ने उस दौरान कोर्ट से अंतरिम राहत देने की बात की थी, तब सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें हाई कोर्ट में जाने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि ED उन्हें केंद्र सरकार के इशारों पर दूसरे-दूसरे मामलों में तलब कर बस परेशान कर रही है। वह इससे पहले ED की जांच में सहयोग कर चुके हैं।
झारखण्ड
झारखंड में बदलेगी जमीन राजस्व वसूली की व्यवस्था
रांची। झारखंड के राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे दाखिल-खारिज समेत भूमि संबंधी कार्यों को सेवा के अधिकार कानून के तहत लाएं, ताकि ये सेवाएं समय पर प्रदान की जा सकें। उन्होंने जनता की सुविधा तथा राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री बिरुआ परियोजना भवन में स्थित अपने कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और विभागीय सचिव के साथ ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को भूमि रसीद प्राप्त करने में असुविधा होती है और उन्हें अक्सर अदालतों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बिरुआ ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को जल्द ही बार कोड प्रणाली की सुविधा दी जाएगी, जिससे निवासी सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भूमि रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों के कई स्थानों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।’’
बैठक के दौरान चाईबासा के आयुक्त ने जमशेदपुर जिले की कंपनियों से 2000 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के संबंध में प्रस्ताव रखा। बिरुआ ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यदि ऐसे कई मामलों का समाधान हो जाए तो राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से नदी की रक्षा करने तथा और अधिक नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।
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