बिजनेस
जियो ने लखनऊ कर्मचारियों के लिए की आदर्श ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ की शुरुआत
लखनऊ: रिलायंस जियो ने ब्रहस्पतिवार को लखनऊ राज्य कार्यालय में आदर्श ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ की शुरुआत करके अपने कर्मचारियों के बेहतर शारीरिक एवं मानसिक स्वस्थ्य के लिए एक अनुकरणीय पहल की है I यह केंद्र राज्य में कार्यरत हज़ारों रिलायंस के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए वरदान साबित होगा I
जियो के उच्च अधिकारीयों ने बताया की यह केंद्र प्रमुख रूप से लोगों के समग्र स्वास्थय सम्बन्धी विकास में सहयोगी साबित होगा I यहाँ उच्च गुणवत्ता वाली कई मशीनें एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई गयीं हैं जो भारत के किसी भी बड़े अस्पताल के मानक के अनुरूप हैं I यह केंद्र जियो के कर्मचारियों के लिए चौबीस घंटे खुला रहेगा और इसमें स्वास्थ्य परामर्श, इलाज़, डॉक्टरी सहायता के अलावा एम्बुलेंस सेवा भी कर्मचारियों और उनके परिवार को उपलब्ध कराई जाएगी I
केंद्र की शुरुआत जियो के लखनऊ कार्यालय के अंदर सुबह 10 बजे पूजा के साथ संपन्न हुई जिसमें जियो के उच्च अधिकारीयों, दिग्गज डॉक्टरों ने अपने विचार और स्वास्थ्य केंद्र के लाभों के बारे में कर्मचारियों को बताया I
नेशनल
भारतीय चुनाव पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी, कहा- अनजाने में गलती हुई
नई दिल्ली। 2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मार्क जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।
वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।
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