Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

फिल्म के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे कार्तिक आर्यन, शर्माजी की दुकान में सुबह-सुबह पहुंचकर खाया बन मक्खन

Published

on

Loading

एक्टर कार्तिक आर्यन लखनऊ में हैं। वे यहां भूल भुलैया-2 के प्रमोशन के सिलसिले में पहुंचे हैं। सोमवार सुबह-सुबह कार्तिक चाय की चुस्की लेने लालबाग में शर्माजी की दुकान में पहुंच गए। वहां उन्होंने चाय पी और बन मक्खन भी खाया। अचानक कार्तिक को अपने बीच देखकर वहां मौजूद कस्टमर खुश हो गए। कार्तिक ने भी अपने फैंस का दिल नहीं दुखाया और उनके साथ सेल्फी क्लिक करवाई।

पति-पत्नी और वो शूटिंग के दौरान कार्तिक ने लखनऊ में बाजपेई की कचौड़ी लुत्फ उठाया था।

हुआ यूं कि शर्माजी की दुकान पर कार्तिक भी चुपचाप कस्टमर की लाइन में लग गए। पहले कुछ कस्टमर को शक हुआ कि वह कार्तिक आर्यन है। हालांकि, कुछ ही देर में कार्तिक का स्टॉफ भी वहां पहुंच गया। इसके बाद लोग उनको पहचान गए।

शर्मा जी दुकान पर चाय और बंद का लुत्फ उठाते अभिनेता कार्तिक।

लखनऊ में ही हुई है भूल-भुलैया-2 की शूटिंग

भूल-भुलैया-2 की शूटिंग लखनऊ में भी हुई है। फिल्म के कई शॉट यहां फिल्माएं गए हैं। इसलिए, फिल्म के प्रमोशन के लिए भी कार्तिक यहां पहुंचे हैं। यह फिल्म 20 मई को रिलीज हो रही है। ये फिल्म पिछले साल यानी 2021 में ही रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोरोना के चलते फिल्म रिलीज को टाल दिया गया।

फिल्म के निर्देशक अनीस बज्मी है। निर्माता भूषण कुमार है। फिल्म 2007 में आई भूलभुलैया का दूसरा हिस्सा है। उस फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, अमीषा पटेल थे। इसमें कार्तिक, कियारा आडवाणी और तब्बू हैं।

कार्तिक आर्यन से बात करने और सेल्फी लेने के लिए दर्शकों में लगी होड़।

पहले भी कर चुके हैं लखनऊ में शूटिंग

फिल्म के निर्देशक अनीस बज्मी है। फिल्म 2007 में आई भूलभुलैया का दूसरा हिस्सा है।

फिल्म पति ,पत्नी और वो की शूटिंग के दौरान अगस्त 2019 में कार्तिक आर्यन ऐसे ही पहुंचे थे। तब कार्तिक ने बाजपई की कचौड़ी लुत्फ उठाया था।उस दौरान भी तमाम लोगों उनके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आए थे। कार्तिक ने यहां पर अनन्य पांडे और भूमि के साथ फिल्म की शूटिंग पूरी की थी।

उत्तर प्रदेश

अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनी सहारा

Published

on

Loading

योगी सरकार द्वारा शुरू की गई “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)” अनाथ और जरूरतमंद बच्चों के लिए एक नई आशा लेकर आई है। अगस्त 2021 में शुरू की गई इस योजना से योगी सरकार बच्चों और किशोरों को सहायता प्रदान कर रही है जिन्होंने कोरोना से इतर कारणों से अपने माता-पिता, किसी एक अभिभावक या संरक्षक को खो दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना अनाथ बच्चों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान नहीं कर रही है, बल्कि बच्चों और युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह सहायता उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें माता-पिता के निधन के बाद आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। योगी सरकार ने इन बच्चों की आर्थिक और शैक्षिक आवश्यकताओं को समझते हुए इस योजना को लागू किया, जो अब लाखों बच्चों की मदद कर रही है।

बच्चों की शिक्षा और भविष्य निर्माण पर विशेष जोर दे रही योगी सरकार

इस योजना का लाभ केवल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तक सीमित नहीं है। 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर और युवा, जिन्होंने कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और जो राजकीय डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थानों से स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत सहायता दी जाती है। यह कदम न केवल युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है। नीट, जेईई और क्लैट जैसी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को भी इस योजना के अंतर्गत विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। इन छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, योजना का लाभ दिया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 29,029 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिला लाभ

योगी सरकार की इस योजना ने पहले ही हजारों बच्चों और युवाओं की जिंदगी बदल दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 29,029 बच्चों को इस योजना के तहत चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि योजना जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी और सफल रही है। इस योजना ने अनाथ बच्चों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया है। आर्थिक सहायता के साथ-साथ, यह पहल उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर रही है। योजना न केवल उनके जीवन स्तर को सुधार रही है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और नई उम्मीदें जगा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का यह कदम न केवल प्रभावित बच्चों और युवाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है, बल्कि समाज में समावेशिता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दे रहा है।

Continue Reading

Trending