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प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को सेना के जवानों ने बर्फ में कई किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज भले ही भारतीय सेना पर पत्थर बरसाते हों लेकिन भारतीय जवान आए दिन अपने कामों से जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश का दिल जीत लेते हैं। भारतीय सेना के जवानों ने कश्मीर के कुपवाड़ा में बर्फ में फंसी एक गर्भवती महिला को दो किलोमीटर तक घुटने तक जमी बर्फ में पैदल चल कर अस्पताल पहुंचाया।

दरअसल, कुपवाड़ा के करालपुरा में अहमद शेख नामक शख्स की पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बाहर बर्फ़बारी के कारण काफी बर्फ जमा हो गई थी। ऐसे में उनका अपनी पत्नी को अस्पताल पहुँचाना सम्भव नहीं था। उन्होंने तुरंत सेना को फोन लगाया और अपनी पूरी बता बताई।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सेना के जवान एक नसिर्ंग स्टाफ और चिकित्सा उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। सेना के जवानों ने महिला और परिवार को घुटने पर जमी बर्फ में दो किलोमीटर तक पहुंचाया, जहां से महिला को करालपुरा अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर महिला को तुरंत चिकित्सा कर्मचारियों ने देखभाल शुरू कर दी। महिला के बच्चे के जन्म देने के बाद उसके पिता ने सेना के जवानों को मिठाई खिलाकर उनका धन्यवाद किया।

नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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