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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: ट्रक की टक्कर से 50 लोगों सहित ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलटी, पांच की मौत

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लखनऊ के इटौंजा में हादसा

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लखनऊ। लखनऊ के इटौंजा के असनहा गद्दीपुरवा में तेज रफ्तार ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली को टक्कर मार दी। हादसे में मुंडन कराने जा रहे 50 लोगों सहित ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलट गई। हादसे में पांच लोगों के मौत की खबर है। पुलिस ने गोताखोरों व स्थानीय लोगों की मदद से 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। अभी तक पांच शव बाहर निकाले गए हैं। अन्य की तलाश की जा रही है।

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प्राप्त समाचार के मुताबिक सीतापुर के अटरिया स्थित टिकौली गांव के छुन्नन के बेटे का मुंडन संस्कार था। नवरात्रि के पहले दिन लखनऊ के इटौंजा स्थित ऊनई देवी मंदिर में मुंडन होना था। इसके लिए पूरा परिवार रिश्तेदारों व परिचितों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर मंदिर जा रहा था।

सुबह करीब 10 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली असनहा के गद्दीपुरवा गांव के पास पहुंची थी। इसी बीच बेहटा की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रैक्टर-ट्रॉली सीधे सड़क किनारे बड़े तालाब में जा गिरी।

इन चार के शव मिले

मृतकों में टिकौली गांव की सुखरानी (45), सुषमा मौर्य (52) रुचि मौर्य (18) और कोमल (38) हैं। पुलिस ने इन चारों के शव को सीएचसी भेज दिया है। वहीं, एक को ट्रॉमा रेफर किया गया है।

ट्राली के नीचे फंसे लोग

हादसे की सूचना मिलते ही इटौंजा थाने के प्रभारी निरीक्षक रवींद्र कुमार अपनी टीम के साथ पहुंच गये। ग्रामीणों की मदद से राहत कार्य शुरू किया गया। तीन शव बाहर निकाले गए हैं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक हादसे की शिकार ट्राली तालाब मे गिरते ही सभी उसके नीचे दब गये।

पुलिस के मुताबिक 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। अभी तक तीन शव मिले हैं। वहीं सात लोगों की तलाश की जा रही है। ट्रैक्टर-ट्रॉली को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मंगाई गई है।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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