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आध्यात्म

ईद की पार्टी में दिखना है सबसे स्पेशल, तो ट्राई करें ये ड्रेस, कंफर्ट के साथ गर्मी में मिलेगा आराम

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ईद का त्योहार आने वाला है। ये त्यौहार इस बार 2 या 3 मई को पड़ेगी। इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां की जा रही है। बाजारों में खूब रौनक देखी जा रही है और खाने पीने के सामान से लेकर लोग ईद के लिए अच्छे-अच्छे कपड़े भी खरीद रहे हैं। लेकिन इस बार गर्मी के चलते लोगों को बड़ा कंफ्यूजन हो रहा है कि ईद के दिन ऐसा क्या पहना जाए जो स्टाइलिश दिखने के साथ साथ कंफर्टेबल भी हो? तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे 5 ड्रेसिंग आईडियाज बताते हैं जो आप अपनी ईद की पार्टी में कैरी कर सकते हैं और यह आपको अलग दिखाने के साथ-साथ कंफर्ट का एहसास भी कराएंगे…

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कफ्तान

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गर्मी के दिनों में कफ्तान काफी स्टाइलिश लगते हैं और यह काफी हवादार भी होते हैं। ऐसे में ईद के खास मौके पर आप कोई स्टाइलिश सा कफ्तान ट्राई कर सकते हैं। अगर आपको इसे थोड़ा हैवी लुक देना है तो आप शिफॉन के कपड़े पर गोल्डन या सिल्वर वर्क किया हुआ कफ्तान भी बनवा सकते हैं। इसके साथ पैंट्स काफी स्टाइलिश लगती हैं।

कॉटन शरारा कुर्ता

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शरारा और गरारा का ट्रेंड सबसे पहले मुस्लिम लड़कियों में ही आया था और आजकल यह फिर से काफी ट्रेंड में है। लेकिन अमूमन शरारा या गरारा काफी हैवी होता है जिस पर हैवी काम किया होता है। इसके साथ शॉर्ट कुर्ती पहनी जाती है। लेकिन इस बार गर्मी में आप कॉटन का शरारा और कुर्ता पहन सकते हैं। इसमें बाग प्रिंट काफी इन में है, जो गर्मी में काफी आरामदायक होता है। ऐसे में आप कॉटन शरारा कुर्ता इस बार ईद पर ट्राई कर सकते हैं।

धोती और अनारकली

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ईद पर अगर आप कुछ अलग और स्टाइलिश ट्राई करना चाहते हैं, तो धोती के साथ शॉर्ट अनारकली कुर्ता ट्राई कर सकते हैं। यह काफी स्टाइलिश लगता है और करीना कपूर, गौहर खान से लेकर कई सारी बॉलीवुड हीरोइन भी इस तरह की ड्रेसिंग स्टाइल को फॉलो कर चुकी है।

लखनवी कुर्ता विद प्लाजो पैंट

How to Style Chickankari Kurtis With Palazzo pant - chikankari Embroidery  Kurtis - YouTube

लखनवी कुर्ता गर्मियों के मौसम में बेहद कंफर्टेबल होता है और ये काफी रॉयल लुक भी देता है। ऐसे में ईद के मौके पर आप शिफॉन या कॉटन कपड़े पर लखनवी वर्क किया हुआ कुर्ता प्लाजो पैंट के साथ पहन सकते हैं। इसके साथ जंग ज्वेलरी पेयर करने पर यह काफी स्टाइलिश लगती है।

स्कर्ट विद क्रॉप टॉप

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अगर आप ईद पर हैवी गरारा नहीं पहनना चाहते हैं तो आप कोई फ्लोरल प्रिंट की स्कर्ट कैरी कर सकते हैं। इसके साथ कोई भी प्लेन क्रॉप टॉप पहनकर आप एक इंडो वेस्टर्न लुक ईद पर अपना सकते हैं। यह देखने में काफी स्टाइलिश लगता है और बेहद ही कंफर्टेबल भी होता है।

आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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