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प्रादेशिक

300 अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों मे ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी हैः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति के तहत एक सप्ताह से प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है तथा नये मामलों में कमी आ रही है। इसके साथ-साथ कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या में भी बढ़ोततरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल, 2021 को 01 लाख 86 हजार टेस्ट हुए, 35 हजार कोविड केस आये तथा 26 हजार कोविड-19 से ठीक हुए थे। 01 मई, 2021 को 02 लाख 96 हजार टेस्ट हुए, 30 हजार कोविड केस आये तथा 31 हजार कोविड-19 से ठीक हुए थे। आज 03 मई, 2021 को 02 लाख 29 हजार टेस्ट हुए, 29 हजार कोविड केस आये तथा 38 हजार कोविड-19 से ठीक हुए है। श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 05 मई, 2021 से 09 मई, 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क से सम्पर्क किया जायेगा और आर0आर0टीम के द्वारा लक्षणयुक्त वाले लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आर0आर0टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट होगी। इस अभियान के तहत 10 लाख एन्टीजन टेस्ट करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे होम आइसोलेशन, इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन अथवा अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। होम आइसोलेशन में रखे जाने से पूर्व मरीज को मेडिकल किट दी जाए उसे जरूरी सावधानियों के बारे में विधिवत जानकारी दी जायेगी।

सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। शुक्रवार (30 अप्रैल) रात्रि 08 बजे से मंगलवार (04 मई) प्रातः 07 बजे तक प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी प्रभावी है, इसे दो दिन और विस्तार दिया जा रहा है। अब प्रदेश में 06 मई प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रहेगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहेंगी। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन/मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त देय होगा।इसी प्रकार अन्य कोरोना वॉरियर्स के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह अतिरिक्त मानदेय ड्यूटी के उपरांत इनके आइसोलेशन अवधि के लिए भी दिया जाएगा। मेडिकल/नर्सिंग अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी कोविड सेवा कार्य में ली जाएंगी, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों, अनुभवी चिकित्सकों, एक्स सर्विस मैन के अनुभवों का भी लाभ लिया जाए, उन्हें भी कोविड कार्य से जोड़ा जायेगा। उन्हांेने बताया कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जायेगा। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-09 को समय-समय पर आवश्यक परामर्श देगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा। श्री सहगल ने बताया कि सभी अस्पतालों में अपने स्टाफ में से एक को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया है। इन नोडल अधिकारी पर अपने अस्पताल में आने वाले कोविड मरीजों को भर्ती कराने तथा समुचित उपचार कराने की जिम्मेदारी होगी। इसके अतिरिक्त नियुक्त किये गये सेक्टर अधिकारी भी अपने क्षेत्र के अस्पतालों में निरन्तर निरीक्षण करते रहेंगे। कहीं भी, किसी भी कोविड मरीज को कोई समस्या होती है तो उसका समाधान करवायेगें। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को मेडिसिन किट समय से उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 736 मी0टन आॅक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी एवं निजी लगभग 300 अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों मे आॅक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है। इसके अतिरिक्त सभी सीएचसी में आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगाने हेतु लगभग 21 हजार आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर खरीदने की प्रक्रिया हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सीएचसी में 2-2 आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज 93,210 कन्टेनमेंट जोन में 1300 थाना है जिसमें 02 लाख 40 हजार कोरोना पाॅजिटिव लोग है। 02 लाख 85 हजार एक्टिव केस में से 02 लाख 33 हजार मरीज होम आइसोलेशन में है। इन आसोलेशन मरीजों को डोर-टू-डोर आवश्यक सामान तथा मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जा रही है। श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र की उनके आने-जाने के पास है। उन्होंने बताया कि 72 हजार कोविड हेल्प डेस्क औद्योगिक इकाइयों में बनाये गये है। उन्होने बताया कि जिन औद्योगि संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे है। वहां पर कोविड केयर सेंटर बनाये जाये। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।

सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 13,43,466.05 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है। श्री सहगल ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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