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नेशनल

इन जिलों में 110 रु लीटर के करीब पहुंचा पेट्रोल

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नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। लगातार बढ़ रहे तेल के दामों ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। देश के कई राज्यों में शतक लगा चुका पेट्रोल अब 110 रु लीटर बिकने की कगार पर पहुंच गया है। श्रीगंगानगर, अनूपपुर और रीवा में पेट्रोल 108 रु प्रति लीटर बिक रहा है। अगर ऐसे ही दाम बढ़ते हुए तो जल्द ही ये 110 रु प्रति लीटर हो जाएगा।

वहीं, आज पेट्रोल की कीमत 26 पैसे और डीजल का दाम 7 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए। जहां दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल का दाम 97.76 रू प्रति लीटर रहा वहीं डीजल भी बढ़कर 88.30 रुपय प्रति लीटर हो गया। दिल्ली में जून में अब तक पेट्रोल का मू्ल्य 3.53 रुपय बढ़ चुका है, वहीं डीजल का मूल्य भी 3.15 रुपय बढ़ा है। इससे पहले पेट्रोल 3.83 और डीजल 4.42 रुपय महंगा हुआ था।

बीते 4 मई से अब तक रुक-रुक कर 30 दिनों में ही डीजल का दाम 7.52 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। वहीं, इतने ही दिनों में ही पेट्रोल 7.44 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। अब आठ राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का खुदरा दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है। महानगरों में मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है।

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नेशनल

भारतीय चुनाव पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी, कहा- अनजाने में गलती हुई

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नई दिल्ली। 2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मार्क जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।

वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।

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