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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिला फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान, राष्ट्रपति मैक्रों को कहा धन्यवाद

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PM Modi gets France highest honor

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पेरिस। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के दौरे पर हैं। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने भारत की जनता के तरफ से राष्ट्रपति मैक्रों को धन्यवाद किया। पीएम मोदी गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा के लिए फ्रांस पहुंचे थे। पीएम मोदी आज बैस्टिल दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने किया ट्वीट

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। यह गर्मजोशी भरा कदम भारत-फ्रांस साझेदारी की भावना को दर्शाता है।

मैक्रों ने आयोजित किया रात्रिभोज

इससे पहले, पीएम मोदी रात्रिभोज के लिए पेरिस के एलिसी पैलेस पहुंचे थे, जहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिगिट मैक्रॉन ने उनका स्वागत किया। मैक्रों ने पीएम मोदी के लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी की थी। निजी रात्रिभोज में शामिल होने पर पीएम मोदी ने खुशी जाहिर की थी।

ट्वीट कर उन्होंने कहा था कि मैं राष्ट्रपति मैक्रों और प्रथम महिला का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने एलिसी पैलेस में निजी रात्रिभोज की मेजबानी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा था कि राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। एतिहासिक एलिसी पैलेस में पीएम मोदी के लिए मैक्रों ने निजी रात्रिभोज की मेजबानी की। दोनों देशों के नेताओं ने अपनी दोस्ती के बंधन को और मजबूत करने का प्रयास किया।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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