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सत्यपाल मलिक ने फिर साधा केंद्र सरकार पर निशाना, अग्निपथ स्कीम को बताया गलत
पानीपत। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने रविवार को पानीपत में एक कार्यक्रम में कहा कि पहले सरकार ने किसानों को बर्बाद किया और अब वह सैनिकों को तबाह कर रही है।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ स्कीम गलत है और इससे सैनिकों को बड़ा नुकसान होगा। पानीपत के सींक गांव में आयोजित कार्यक्रम में मलिक खाप के कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। मलिक ने कहा कि आज देश में न तो किसान खुश है और न ही जवान खुश है।
किसान आंदोलन को भी उन्होंने आधी लड़ाई जीतने जैसा ही बताया। उन्होंने कहा कि किसानों ने आधी लड़ाई ही जीती है क्योंकि अब भी एमएसपी को लेकर कानून नहीं बन सका है। सैनिकों की भर्ती के लिए 4 साल की अग्निपथ स्कीम गलत है।
राज्यपाल ने कहा कि एक सैनिक 4 साल के लिए भर्ती किया जाएगा और उनमें से 6 महीने तो वह छुट्टी पर ही रहेगा। इसके अलावा 4 साल बाद जब उसे सेवामुक्त किया जाएगा तो वह कोई और काम करने की स्थिति में नहीं रहेगा।
इस दौरान सत्यपाल मलिक ने अपने रिटायरमेंट प्लान के बारे में भी बताया। मलिक ने कहा कि मेरा राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल 2 से 3 महीने में खत्म हो जाएगा। इसके बाद भी मैं सच बोलता रहूंगा और किसानों एवं जवानों के हक में आवाज उठाता रहूंगा।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के पद से हटने के बाद मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन समाज के लिए अपनी आवाज उठाता रहूंगा। बता दें कि इससे पहले भी सत्यपाल मलिक कई मौकों पर केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं। किसान आंदोलन के दौरान तो वह काफी मुखर थे और पीएम मोदी की सीधे तौर पर आलोचना की थी।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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