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नेशनल

शरजील इमाम की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज, कही ये बात

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

याचिका को खारिज करते हुए, साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा कि भड़काऊ भाषण का सार्वजनिक शांति और सद्भाव पर गलत प्रभाव पड़ता है। स्वामी विवेकानंद के एक उद्धरण का हवाला देते हुए, न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा, हम वही हैं, जो हमें हमारे विचारों ने बनाया है, इसलिए आप जो सोचते हैं, उस पर ध्यान दें, शब्द गौण हैं, विचार जीवित हैं, जो दूर तक जाते हैं।

इससे पहले उनके वकील तनवीर अहमद मीर ने दलील दी थी कि सरकार की आलोचना करना देशद्रोह का कारण नहीं हो सकता। हालांकि, न्यायाधीश ने यह कहते हुए कि इसके लिए गहन विश्लेषण की आवश्यकता है, टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या भाषण धारा 124ए (देशद्रोह) के दायरे में आता है। मामले के अनुसार, शरजील ने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण दिए। वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है।

मामला पीएस क्राइम ब्रांच, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में दर्ज एफआईआर 242 से संबंधित है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 15 दिसंबर 2019 को पूर्वाह्न् करीब 11.15 बजे जामिया नगर के छात्रों और निवासियों की ओर से नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ प्रदर्शन की सूचना संबंधित थाने में प्राप्त हुई। बताया गया कि छात्र संसद की ओर मार्च करेंगे।

एफआईआर में कहा गया है कि दोपहर 2.20 बजे, लाठियों से लैस लगभग 2,500 लोगों की एक बड़ी भीड़ एस्कॉर्ट अस्पताल, सराय जुलेना चौक के पास जमा हो गई। दोपहर लगभग 3.22 बजे, चेतावनी के बावजूद, लगभग 3,000 से 3,500 लोगों की भीड़ सराय जुलेना गांव और सुजान महिंद्रा रोड की ओर बढ़ने लगी। जब भीड़ ने संसद की ओर मार्च करने के लिए सूर्या होटल में पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की, तो उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया।

गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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