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उत्तर प्रदेश

16 अक्तूबर को देवरिया जाएंगे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, श्रद्धाजंली सभा में होंगे शामिल

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akhilesh yadav sad

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देवरिया। उप्र के देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्तूबर को सुबह छह बजे जमीन के विवाद में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। इससे गुस्साएं पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पक्ष के लोग दूसरे पक्ष के घर में घुसकर पति, पत्नी और उसकी तीन संतानों को गोली मारकर और धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या कर दी।

इस सामूहिक हत्याकांड के बाद पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 16 अक्तूबर को जिले में आएंगे। इस दौरान वह श्रद्धाजंली सभा में भी शामिल होंगे।

बता दें कि फतेहपुर गांव में प्रेम के मकान की पैमाइश के दौरान हंगामे के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, बैरियाघाट से लेकर पैमाइश स्थल तक हंगामा करने वाले अराजकतत्वों की पहचान कर कार्रवाई में भी पुलिस-प्रशासन की टीम लगी है। गांव में किसी भी प्रकार की जुटान और धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य मृतक प्रेम यादव की पत्नी शीला ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के चलते भय का माहौल बन गया है। हमारे पति को जानने वालों की इच्छा होने के बावजूद भी गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है।

पत्नी ने मांग किया है कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए हिंदू रीति रिवाज से पति का ब्रह्मभोज कराने में मदद करें। जबकि दूसरी तरफ उसने कहा कि प्रशासन की पैमाइश के बाद आए एकपक्षीय फैसले से बच्चे दहशत में हैं। अगर मकान पर बुलडोजर चल गया तो हम बर्बाद हो जाएंगे।

एक तो पति की हत्या होने तो दूसरी तरफ छत भी गिर जाएगा तो मेरी दुनिया ही उजड़ जाएगी। कम से कम प्रशासन और शासन को हमारे ऊपर विचार करना चाहिए। मेरे मासूम बच्चे और मैं कहां जाऊंगी। अब तो पति भी नहीं रहे।

उत्तर प्रदेश

आईआईटियन बाबा अभय सिंह को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने दिखाया बाहर का रास्ता, जानें क्या है वजह

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महाकुंभ नगर। महाकुंभ के दौरान एकाएक चर्चाओं में आए आईआईटियन बाबा अभय सिंह को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बाबा अभय सिंह को जूना अखाड़े में आने जाने से रोक दिया गया है। आईआईटी बाबा अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की थी। मीडिया से बातचीचत कर अभय सिंह ने संन्यास लेने के पीछे का दर्द भी बयां किया था. उस बातचीत के दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन के कई किस्से भी साझे किए थे.

आईआईटी बाबा के नाम से फेमस हुए अभय सिंह को जूना अखाड़े में आने जाने से रोकने की वजह आखिर क्या है? जूना अखाड़ा उनकी किस बात से नाराज है? ऐसे कई सवाल हैं। अखाड़े के मुताबिक उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अभय ने कथित तौर पर गुरु के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया है। बाबा को अखाड़ा शिविर व उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है। इस पूरे मामले को लेकर अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समपर्ण महत्वपूर्ण है। इसका पालन न करने वाला संन्यासी नहीं बन सकता है।

कौन हैं इंजीनियर बाबा?

इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है। उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस से इंजीनियरिंग की है। वह कनाडा में हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी में जाॅब करते थे और लाखों में उनका पैकेज था। एकाएक मन में वैराग्य उत्पन्न होने के बाद उन्होंने सांसारिक मोहमाया त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया। जूना अखाड़े में उनके शिविर के बाहर देश विदेश की मीडिया समेत उनसे मिलने वालों की भीड़ लग रही थी। देखते ही देखते वह पूरे देश में सुर्खियों में आग गए।

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