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बिजनेस

लाल निशान पर खुला शेयर बाजार, आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट

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Stock market on red mark

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नई दिल्ली। आज सोमवार को सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार लाल निशान पर (Stock market on red mark) खुला है। सेंसेक्स 207 अंकों की गिरावट के साथ 61456 अंकों पर जबकि निफ्टी 61 अंकों की गिरावट के साथ 18246 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बैंक निफ्टी में 150 अंकों की गिरावट के साथ 42286 अंकों के लेवल पर कारोबार शुरू हुआ।

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ग्लोबल मार्केट में भी दिखा दबाब

शुरुआती कारोबार में वैश्विक बाजार पर भी दबाव दिख रहा है। एसजीएक्स निफ्टी 95 अंकों की गिरावट के साथ फिलहाल 18250 अंकों पर कारोबार कर रहा है। डाऊ फ्यूचर्स में भी करीब 100 अंकों की गिरावट आई है। क्रूड ऑयल की कीमत में भी कमजोरी बनी हुई है।

ग्लोबल मार्केट में इस समय क्रूड ऑयल का भाव 87 डॉलर प्रति बैरल है। डॉलर के मुकाबले रुपया 0.20 यानी लगभग 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.84 रुपये के लेवल पर कारोबार कर रहा है।

टाटा स्टील, एयरटेल और अल्ट्राटेक सीमेंट में मजबूती

आज के शुरुआती कारोबार में टाटा स्टील, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट और एक्सिस बैंक के शेयरों में मजबूती दिख रही है वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, डॉ रेड्डी और टेक महिंद्रा के शेयरों में कमजोरी के साथ कारोबार हो रहा है।

आईटी सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट

बाजार के सभी इंडेक्स गिरावट के लाल निशान में कारोबार करते दिख रहे हैं। आईटी सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा 1.03 फीसदी की गिरावट है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर के 0.98 फीसदी तक टूटा है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 0.45 फीसदी और मेटल सेक्टर के शेयरों में 0.73 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

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जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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