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प्रादेशिक

सुब्रत राय सहारा: भारतीय उद्योग जगत का पहला सुपरस्टार, 2 हजार से 20 लाख करोड़ तक का किया सफर

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नई दिल्ली। सुब्रत राय सहारा जिन्हे प्यार से लोग सहाराश्री भी कहते थे, आज उनका जन्मदिन है। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी दूरदर्शिता और उद्यमशीलता को आने वाले वर्षों में याद रखा जाएगा। सुब्रत रॉय सहारा एक करिश्माई व्यक्ति थे। वो भारत के उद्योग जगत के पहले सुपर स्टार थे। एक दौर था, जब उनकी शोहरत का सूरज कभी अस्त नही होता था। बड़े बड़े नेता लाइन लगाकर खड़े रहते थे। बॉलीवुड के सुपर स्टार उनके घर चाय वितरण किया करते थे। सुब्रत राय कॉर्पोरेट भारत के सबसे सफल, साहसी, मुखर और चर्चित शख्सियतों में से एक थे। कभी स्कूटर पर स्नैक्स बेचने वाले सुब्रत रॉय की सहारा कंपनी 2004 तक भारत में सबसे सफल समूह में से एक बन गई, जिसमें 14 लाख लोगों को रोजगार मिला। सहारा इंडिया भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बना।

2 हजार से 20 लाख करोड़ तक पहुंचाया साम्राज्य

जो लोग उनको जानने के बड़े बड़े दावे करते हैं, वे तो दरअसल उन्हें कतई नहीं जानते। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे कल्पनाओं के पार के व्यक्ति थे, अदम्य उत्साही एवं परम पराक्रमी। वे न तो कोई कारोबारी परिवार से थे और न ही परिवार में पहले किसी ने व्यापार किया था, फिर भी केवल दो लोगों के साथ दो हजार रुपए से शुरू करके अपने कारोबार को 20 लाख करोड़ तक पहुंचाने और 9 लाख लोगों को रोजगार देने का पराक्रम भारत में उनके अलावा किसी और के खाते में दर्ज नहीं है।

जमींदार परिवार से होने के कारण व्यापार का अनुभव नहीं था, मगर कुछ भी करने और उस किए हुए को शिखर पर पहुंचाने का अदम्य उत्साह व मेहनत उनमें बहुत ज्यादा थी, सो 30 साल की उम्र में 1978 में उन्होंने सहारा इंडिया परिवार नाम से दो लोगों व दो हजार रुपए के फंड से एक छोटी सी कंपनी की स्थापना की जो फाइनेंस सेक्टर में काम करती थी। उन्होंने रोजाना 100 रुपए कमानेवाले लोगों को भी रोज 20 रुपए के निवेश के लिए प्रेरित किया और बीतते वक्त के साथ के साथ सहारा इंडिया परिवार ने व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में अपने विस्तार के साथ ही सबसे बड़े व्यावसायिक साम्राज्य का रूप धर लिया। सुब्रत रॉय महज 40 की उम्र आते आते सहारा इंडिया परिवार के मुखिया के रूप में भारत के सबसे बड़े कारोबारियों में शामिल हो रहे थे और खुद राज्यसभा में न जाकर दूसरों को वहां भेजने की ताकत बन रहे थे।

भारत के 10 सबसे शक्तिशाली लोगों’ की सूची में शामिल थे सहारा श्री

सुब्रत रॉय को ‘भारत के 10 सबसे शक्तिशाली लोगों’ की सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने कारगिल शहीदों के 127 परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की। सहारा इंडिया 2002 से 2013 तक टीम इंडिया के ऑफिशियल स्पॉन्सर रहे। सुब्रत रॉय ने शुरू में सहारा फाइनेंस में शामिल हो गए और दो साल बाद कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया। 1990 के दशक में सुब्रत लखनऊ चले गए जो बाद में समूह का आधार बना। सुब्रत रॉय ने सहारा टीवी लॉन्च किया, जिसे बाद में 2000 में ‘सहारा वन’ नाम दिया गया। 2019 में, सहारा ने इलेक्ट्रिक ब्रांड ‘सहारा इवॉल्स’ लॉन्च किया। सहारा प्रमुख के पास एक आरामदायक जीवन के लिए आवश्यक हर चीज हुआ करती थी। उन्होंने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली थी। उनकी इस दुनिया में एक हेलीपैड, एक क्रिकेट स्टेडियम, एक छोटा खेल परिसर, 11 किमी परिधि वाली एक झील, एक 18-होल मिनी-गोल्फ कोर्स जैसी सुविधाएं शामिल थीं। उनके पास 3,500 लोगों के बैठने की जगह वाला एक अत्याधुनिक सभागार, 124 सीटों वाला मूवी थियेटर, एक एम्बुलेंस के साथ पांच बिस्तरों वाला स्वास्थ्य केंद्र, एक फायर स्टेशन और एक पेट्रोल पंप भी शामिल था।

सुब्रत रॉय एक सफल उद्यमी होने के साथ साथ एक शिक्षक और लेखक भी रहे। हार्वर्ड स्कूल ऑफ बिजनेस, यूएसए जैसे प्रसिद्ध संस्थान; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान; भारतीय प्रबंधन संस्थान; और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने उन्हें गेस्ट लैक्चर के लिए आमंत्रित किया। इनकी लिखी चार किताबें प्रकाशित हुईं, जिनमें शांति, सुख: संतुष्टि, मान, सम्मान, आत्मसम्मन, जीवन के मंत्र और मेरे साथ सोचो प्रमुख हैं।

सुब्रत रॉय को मिले पुरस्कार

सुब्रत रॉय को काफी पुरस्कार मिले। उनमें बाबा-ए-रोजगार पुरस्कार (1992), उद्यम श्री (1994), कर्मवीर सम्मान (1995), राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार (2001), सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक पुरस्कार (2002), वर्ष का उद्यमी पुरस्कार (2002), वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार (2004), आईटीए – वर्ष 2007 का टीवी आइकन, विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान (2010), रोटरी इंटरनेशनल द्वारा उत्कृष्टता के लिए व्यावसायिक पुरस्कार (2010), लंदन में पॉवरब्रांड्स हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स में बिजनेस आइकन ऑफ द ईयर अवार्ड (2011), पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय से बिजनेस लीडरशिप में मानद डॉक्टरेट (2013), डी. लिट की मानद उपाधि। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा और भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कारों की सामान्य जूरी का पुरस्कार मिला।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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