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उत्तर प्रदेश

17 नगर निगमों में 4 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का हुआ सफल एकीकरण

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लखनऊ। सीएम योगी की सेफ सिटी की अवधारणा को साकार करने के उद्देश्य से गुरुवार को प्रमुख सचिव, गृह विभाग और प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग द्वारा एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पुलिस विभाग, विकास प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ प्रदेश के 17 नगर निगमों के नगर आयुक्त सम्मिलित हुए। इस पहल के तहत, प्रदेश के 17 नगर निगमों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के 4 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत स्थापित आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) और आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से जोड़ा गया है। कानपुर और लखनऊ नगर निगमों ने सबसे अधिक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा है और इन कैमरों के माध्यम से नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है।

दुर्घटनाओं में आई कमी

इन कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ने का परिणामस्वरूप, 24×7 घटित होने वाली अवांछनीय घटनाओं जैसे अतिक्रमण, चोरी, मारपीट, अपराध और निराश्रित जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की निगरानी संभव हो पाई है। इसके कारण प्रदेश के नगर निगमों में इन घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी आई है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत चिन्हित प्रत्येक डार्क स्पॉट पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अद्यतन, प्रदेश में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं है और महिलाओं की सुरक्षा व सुविधा हेतु प्रदेश के सभी नगर निगमों में 192 से अधिक पिंक टॉयलेट का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है।

नागरिकों की सुरक्षा में और सुधार का प्रयास

समीक्षा के बाद, पुलिस विभाग और अन्य शासकीय विभागों के साथ समन्वय करते हुए, नगरों में पेट्रोल पम्पों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, शराब दुकानों, बैंकों और आवासीय परिसरों के बाहर स्थापित सीसीटीवी कैमरों को अधिक संख्या में वेब और लूप के अंतर्गत एकीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे नागरिकों की सुरक्षा में और अधिक सुधार होगा।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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