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उत्तर प्रदेश

तमिलनाडु के घर-घर तक ले जाएं यूपी की मधुर स्मृतियां : योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु भारत की कला और संस्कृति के केंद्र बिंदु

वाराणसीर। काशी, प्रयाग और अयोध्या यात्रा की मधुर स्मृतियों को आप सब तमिलनाडु के घर घर तक पहुंचाएंगे। साथ ही तमिलनाडु के लोगों को यूपी आने के लिए प्रेरित करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु भारत की कला और संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु हैं, इसके साथ ही दोनों प्रदेश भारत में एमएसएमई के सबसे बड़े सेंटर भी हैं।

इन दोनों प्रदेशों की सांस्कृतिक विचारधाराओं के संगम से ना सिर्फ समृद्धि के द्वार खुलेंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प भी साकार होगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बीएचयू के एम्फी थियेटर मैदान में आयोजित काशी तमिल संगमम के समापन समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में कही।

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वणक्कम काशी और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, सूचना राज्यमंत्री एन मुरुगन सहित सभी विशिष्ठजनों और तमिलनाडु से आए अतिथियों का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि तमिल कार्तिक मास से काशी तमिल संगमम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान शिव की इस पवित्र भूमि पर किया था। बीते एक माह में तमिलनाडु से 12 अलग-अलग ग्रुपों ने यहां आकर दुनिया की प्राचीनतम सभ्यता और संस्कृति के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का कार्य किया है।

दोनों प्रदेश भारत में एमएसएमई के सबसे बड़े केंद्र, समन्वय से आएगी समृद्धि

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु से आए सभी 12 समूहों ने काशी के साथ ही प्रयाग और अयोध्या जाकर यूपी और तमिलनाडु के बीच की प्राचीन समानताओं को भी अनुभव किया है। इसका संदेश ना केवल उत्तर प्रदेश में सकारात्मक रूप से गया है, बल्कि तमिल अतिथियों ने बहुत नजदीक से उत्तर प्रदेश की संस्कृति को अनुभव किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते एक माह में यहां आए समूहों में बहुत से ऐसे लोग भी शमिल थे जो पहली बार काशी, प्रयाग और अयोध्या पहुंचे थे। ये कार्यक्रम बहुत कुछ कह रहा है।

CM ने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु भारत की आध्यात्मिक संस्कृति, कला, शिल्प और साहित्य का प्रतिनधित्व करते हैं। इन दोनों के संगम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना साकार होती है। ये अद्भुत और अविस्मरीणय है। दोनों प्रदेशों में एक और समानता दिखती है। दोंनों ही भारत में एमएसएमई के सबसे बड़े केंद्र हैं। इन दोनों के बीच की समानता आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को भी साकार करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम और रामनाथ स्वामी रामेश्वरम दोनों ही पवित्र ज्योतिर्लिंग हैं। इन दोनों से जुड़ी संस्कृतियों का यह परस्पर मेल मिलाप निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए, इसलिए मुझे विश्वास है कि आप अपनी इस यात्रा की मधुर स्मृतियों को तमिलनाडु के हर घर तक पहुंचाएंगे और उन्हें यूपी आने के लिए प्रेरित करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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