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RSS पर फिल्म बनाने की मची होड़, ‘बाहुबली’ फेम लेखक ने किया एलान
मुंबई। साल 1925 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना करने वाले डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जीवनवृत्त (बायोपिक) परदे पर उतारने के लिए हिंदी सिनेमा में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों के लेखक व राज्यसभा सदस्य केवी विजयेंद्र प्रसाद ने हाल ही में RSS पर फिल्म और वेब सीरीज बनाने का ऐलान किया है।
उनकी इस कोशिशों के बारे में विस्तार से जानकारी सामने आने से पहले ही मुंबई में न सिर्फ हेडगेवार पर फिल्म शुरू हो चुकी है बल्कि उसके गानों की रिकॉर्डिंग ने भी रफ्तार पकड़ ली है। किसी एक विषय पर एक ही समय में एक से अधिक फिल्में बनाने के मुंबई में पहले भी कई मामले हो चुके हैं।
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हाल ही में विजयवाड़ा में संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे राम माधव की पुस्तक के विमोचन के दौरान केवी विजयेंद्र प्रसाद ने RSS पर फिल्म और बेव सीरीज लिखने की घोषणा की थी। जानकारी के मुताबिक यह फिल्म RSS के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के अलावा एमएस गोलवलकर, विनायक दामोदर सावरकर, के सुदर्शन और मोहन भागवत के भी कार्यों का लेखाजोखा दुनिया के सामने पेश करेगी।
इस फिल्म के लिए तेलुगु, तमिल और हिंदी सिनेमा के अभिनेताओं से संपर्क भी किए जाने की चर्चा है। इससे पहले विजयेंद्र प्रसाद बीते लोकसभा चुनाव से पहले शिवाजी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के हिंदुत्व प्रसार पर भी फिल्म बनाने की योजना बना चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रस्तावित इस फिल्म या वेब सीरीज की शूटिंग कब से शुरू होगी, इसके बारे में तो कोई सार्वजनिक जानकारी अभी मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के जरिये सामने नहीं आई है लेकिन मुंबई में ही एक दूसरे निर्माता ने आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार की बायोपिक पर काम शुरू कर दिया है।
दो दिन पहले इस बायोपिक की शुरुआत अनूप जलोटा के गाए एक गीत की रिकॉर्डिग के साथ हुई है और जानकारी के मुताबिक ये फिल्म मराठी के अलावा हिंदी और अंग्रेजी में भी रिलीज की जाएगी। फिल्म बनाने वालों के मुताबिक मकरंद सावंत की लिखी हेडगेवार की ये बायोपिक ‘डॉक्टरजी’ को एक श्रद्धांजलि है।
इस फिल्म में आजादी से पहले की उन घटनाओं को दिखाया जाएगा जिनके चलते दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बुनियाद पड़ी। संघ की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन नागपुर में की थी।
इस फिल्म निर्माता जयानंद शेट्टी के मुताबिक, ‘डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। वह क्रांति के प्रतीक हैं और हमेशा रहेंगे। हमारी फिल्म उनकी यात्रा, उनके संघर्ष और उनके आंदोलनों के प्रति एक श्रद्धांजलि है।’
फिल्म के निर्देशक सनी मंडावरा कहते हैं, ‘ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई में डॉ. हेडगेवार हमेशा सबसे आगे रहे। किसी ने भी उन पर कभी फिल्म नहीं बनाई है, यह समय है जब कि हम लोगों को उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करें।’
फिल्म में हेडगेवार और संघ के उनके सहयोगियों की भूमिका निभाने वाले कलाकारों का चयन जारी है और जानकारी के मुताबिक जल्द ही इनके नामों की घोषणा की जाएगी। एक ही विषय पर एक जैसी फिल्में बनाने के मामले इससे पहले ‘इंकलाब’ और ‘आज का एमएलए रामअवतार’, ‘तूफान’ और ‘जादूगर’, ‘दंगल’ और ‘सुल्तान’ जैसी कई फिल्मों में सामने आ चुके हैं।
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एक्स बॉयफ्रेंड और उसके दोस्त को जलाकर मारने के आरोप में नरगिस फाखरी की बहन गिरफ्तार, मिल सकती है उम्रकैद
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस नरगिस फाखरी की बहन आलिया फाखरी पर हाल ही में अमेरिका में डबल मर्डर का आरोप लगा है। आलिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने 35 वर्षीय एक्स बॉयफ्रेंड एडवर्ड जैकब्स और उसके दोस्त अनास्तासिया एटियेन की हत्या की है। न्यूयॉर्क के क्वींस डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के अनुसार, 43 साल की आलिया सुबह 6.20 बजे गैराज में पहुंची, जहां जैकब्स और एटियेन सो रहे थे। उसने दो मंजिला गैराज में आग लगाने से पहले जोर से चिल्लाया, ‘तुम सब आज मरोगे’।
रिपोर्ट के अनुसार, आग लगने की सूचना पाकर एटियेन नीचे की ओर भागा और फिर जैकब्स को जगाने के लिए ऊपर गया। आग ने पूरे बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया और दोनों बच नहीं पाए। धुएं के कारण दोनों की दम घुटने और थर्मल इंजरी के कारण उनकी मौत हो गई। आलिया को फिलहाल इस मामले में जमानत नहीं मिल पाई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आलिया पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उन्हें कितनी सजा हो सकती है? आखिर अमेरिका में सजा के क्या नियम हैं? चलिए इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं।
अमेरिका में हत्या को एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। हत्या के मामलों में सजा का निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि हत्या की प्रकृति (पहली डिग्री, दूसरी डिग्री या तीसरी डिग्री हत्या) आरोपी की मानसिक स्थिति और घटनास्थल का राज्य। अमेरिका में हर राज्य में अपनी-अपनी हत्या के मामलों के लिए सजा का अलग कानून है लेकिन आमतौर पर हत्या के आरोप में सजा बहुत सख्त होती है।
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