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आध्यात्म

कल है राम नवमी, जानिए पूजा विधि, हवन सामग्री और हवन विधि

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धार्मिक पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है। भगवान श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में हुआ था। राम नवमी को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

आइए जानते हैं, राम नवमी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…

राम नवमी पूजा विधि

  • इस पावन दिन शुभ जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
  • भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें।
  • भगवान को फल भी अर्पित करें।
  • अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
  • इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें।
  • आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
  • भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है।
  • आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं।
  • राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं।

इन शुभ मुहूर्तों में करें पूजा- अर्चना-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:31 ए एम से 05:16 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:48 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:21 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:31 पी एम से 06:55 पी एम
अमृत काल- 11:50 पी एम से 01:35 ए एम, अप्रैल 11
निशिता मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:45 ए एम, अप्रैल 11
रवि पुष्य योग- पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
रवि योग- पूरे दिन

राम नवमी हवन विधि…

  • राम नवमी के दिन प्रात: जल्दी उठ जाना चाहिए।
  • स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए।
  • किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
  • हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।
  • हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं।

हवन के समाप्त होने के बाद आरती करें और भगवान को भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होते हैं। आप हवन के बाद कन्या पूजन भी करवा सकते हैं।

हवन सामग्री

  • आम की लकड़ी
  • आम के पत्ते
  • पीपल का तना
  • छाल
  • बेल
  • नीम
  • गूलर की छाल
  • चंदन की लकड़ी
  • अश्वगंधा
  • मुलैठी की जड़
  • कपूर
  • तिल
  • चावल
  • लौंग
  • गाय की घी
  • इलायची
  • शक्कर
  • नवग्रह की लकड़ी
  • पंचमेवा
  • जटाधारी नारियल
  • गोला
  • जौ

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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