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उत्तर प्रदेश

UP Election Result: चुनाव से पहले भ्रम फैलाया गया, पर नाकाम हुईं साजिशें; जीत के बाद गरजे योगी

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उत्तर प्रदेश में दूसरी बार भाजपा को बड़ी जीत मिलने का श्रेय सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप को दिया है। सीएम योगी ने कहा कि यह बहुमत भाजपा के राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मॉडल को यूपी को 25 करोड़ जनता का आशीर्वाद है। इसे हम सबको स्वीकार करते हुए सबका साथ, सबका विकास और सबके प्रयास के नारे पर आगे बढ़ना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने देखा होगा कि बीते 5 सालों में डबल इंजन की सरकार ने जिस तरह से यूपी में सुरक्षा देने का काम किया, उसे लोगों ने सराहा है। हमने जिस तरह से पीएम मोदी की लीडरशिप में विकास और कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाया है, उसका परिणाम है कि आज जनता ने जातिवाद, वंशवाद की राजनीति को परास्त कर दिया है।

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल में भी हमने आदरणीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में डटकर काम किया। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। मैं इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह का धन्यवाद देता हूं।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर पूरे देश की निगाहें थीं। भाजपा और उसके सहयोगी दल अपना दल और निषाद राज पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। इसके लिए हम जनता जनार्दन का हृदय से अभिनंदन और आभार प्रकट करते हैं। मैं उन कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करता हूं, जिनके नेतृत्व और परिश्रम से हमें इतना बहुमत मिलता है। राज्य में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए हैं और जनता ने भ्रामक प्रचार को दरकिनार कर दिया है।

हम सभी को अपने कार्यों के माध्यम से एक बार फिर से साबित करना है कि राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर जो वोट दिया है, हम उस पर खरा उतरेंगे। सीएम योगी ने कहा कि राज्य की आधी आबादी माताओं, बहनों और बेटियों ने जिस तरह से समर्थन दिया है, उसके चलते भाजपा राज्य में इतिहास बनाने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी जैसे यशस्वी नेता की लीडरशिप में जब ऐसा प्रचंड बहुमत मिलता है तो यह हमारे लिए गर्व की बात है।

उत्तर प्रदेश

यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए योगी सरकार की पहल, एफडीआई पॉलिसी में किया संशोधन

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लखनऊ। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सोमवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के माध्यम से योगी सरकार ने विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है। इसके माध्यम से अब ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से पैसों की व्यवस्था करती हैं। योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में विदेशी निवेश के बढ़ने की संभावना है।

फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट को किया गया शामिल

योगी कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1/11/2023 को फॉरेन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की नीति आई थी, इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है। नीति में अर्हता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपए रखी गई है। आरबीआई द्वारा जो एफडीआई की परिभाषा दी गई है, उसके अनुसार अभी तक मात्र इक्विटी में किए गए निवेश को ही एफडीआई में सम्मिलित किया जाता है। नीति में जो संसोधन किया गया है उसमें हमने इसे फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक एफडीआई के तहत कंपनी के पास अपनी इक्विटी होती थी लेकिन ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बाहर से लोन के साथ ही दूसरे माध्यमों से भी पैसा मैनेज करती हैं। हमने उसको भी अलाऊ कर दिया है। यदि किसी कंपनी के पास इक्विटी केवल 10 प्रतिशत है और 90 प्रतिशत निवेश राशि की व्यवस्था दूसरे स्रोतों से कर रखी होगी तो हम उसको भी बेनिफिट प्रदान करेंगे।

100 करोड़ के निवेश को माना जाएगा पात्र

उन्होंने बताया कि अब इस नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाएगा। फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनी के लिए प्रिफरेंश शेयर, डिवेंचर्स, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंड बाई लैटर ऑफ क्रेडिट, लैटर्स ऑफ गारंटी व अन्य डेब्ट सिक्योरिटी को भी शामिल कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, अन्य मोड जो आरबीआई के द्वारा फ्रेमवर्क ऑन एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, ट्रेड क्रेडिट, स्ट्रक्चर्ड ऑब्लीगेशंस के अंतर्गत किए गए 100 करोड़ के विदेशी निवेश की गणना के लिए अर्ह होंगे। विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट राशि (जिसमें इक्विटी में न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा शेष ऋण व अन्य इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से मिलाकर 100 करोड़ रुपए का निवेश) को इस नीति के अंतर्गत पात्र माना जाएगा तथा पूंजी निवेश की गणना में सम्मिलित किया जाएगा।

बिना नॉमिनी भी हो सकेगा ग्रेच्युटी का भुगतान

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवानिर्वत्ति के उपरांत ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है और न ही कोई नॉमिनी बनाया है तो ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है जिसके पक्ष में किसी न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया गया हो। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले कि व्यवस्था में ऐसे व्यक्ति की ग्रेच्युटी की धनराशि सरकार को चली जाती थी।

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