उत्तर प्रदेश
उप्र: NCR की तरह SCR के गठन की योजना, सीएम योगी ने दिए निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रही शहरी आबादी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्तवपूर्ण फैसला लिया है। सीएम योगी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR-national capital region) की तर्ज पर लखनऊ और आसपास के कई जिलों को मिलाकर उप्र राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी ने प्रस्तावित SCR (state capital region) में लखनऊ के अलावा उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल करते हुए शीघ्र प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने लखनऊ में मेट्रो रेल का अगला चरण शुरू करने के लिए एक सप्ताह में कार्ययोजना तैयार करने को कहा है।
कल शुक्रवार को आवास विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी विकास प्राधिकरणों के क्रियाकलापों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा जिस प्रकार से लखनऊ एक मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, उसकी वजह से प्रदेश के सभी क्षेत्र के लोग यहां आकर बसना चाहते हैं। इस वजह से आसपास के जिलों में जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है।
इसलिए लखनऊ के साथ ही आसपास के शहरों का भी सुनियोजित विकास के लिए एससीआर का गठन जरूरी हो गया है। उन्होंने आवास विभाग के अधिकारियों को एससीआर गठन को लेकर शीघ्र कार्ययोजना उपलब्ध कराने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में मेट्रो की सेवा में यात्रियों के बढ़ते रुझान को देखते हुए दूसरे चरण की मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव एक सप्ताह में तैयार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर जल्द शुरू करने और नगर निगम की सीमा का विस्तार करने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरुद्धार की कार्यवाही तेज करने को भी कहा है।
इसके अलावा उन्होंने राजधानी में एक आधुनिक सुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए 35 एकड़ भूमि चयन करने और अवध शिल्पग्राम और काकोरी शहीद स्मृति उद्यान को डायनेमिक फसाड लाइटिंग से सजाने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रमुख शहरों के लिए तैयार होगा सिटी डवलमेंट प्लॉन
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बड़े शहरों के सुनियोजित विकास के लिए सिटी डवलपमेंट प्लॉन तैयार करने को कहा है। उन्होंने फिलहाल लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी व प्रयागराज के लिए सिटी डवलपमेंट प्लॉन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जबकि 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी एवं मेरठ के लिए शहरी लॉजिस्टक योजना शीघ्र तैयार करने को कहा है।
50 वर्षों की जरूरत के हिसाब से तैयार करें मास्टर प्लान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तेजी बढ़ती शहरी आबादी को देखते हुए आगामी 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करने को कहा है। इसके लिए सभी विकास प्राधिकरणों में नगर नियोजक के रिक्त पदों को तत्काल भरने के भी निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद
महाकुम्भ नगर से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।
आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल
संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।
महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी
यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।
डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ
इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।
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