उत्तर प्रदेश
46305 ग्राम पंचायतों में किया गया ग्राम चौपालों का आयोजन, मिल रहे हैं सार्थक परिणाम: केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्रामीणो की समस्यायों के निराकरण हेतु प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड की दो ग्राम पंचायतों में प्रत्येक शुक्रवार को ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम चौपालों के बहुत ही सार्थक परिणाम निखर कर सामने आ रहे हैं और काफी हद तक लोगों की समस्यायों का निराकरण उनके गांव में ही हो रहा है।
सरकार खुद चलकर गांव व गरीबों के पास जा रही है, ग्राम चौपालों से जहां गांवों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जमीनी हकीकत का पता चलता है, वहीं सोशल सेक्टर की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आ रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम चौपालों को और अधिक प्रभावी व परिणामपरक बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि और अधिक ठोस व प्रभावी रूपरेखा बनाकर चौपालों का आयोजन किया जाए तथा चौपालों से पूर्व सफाई अभियान चलाया जाए और चौपालों के बारे में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए
ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण वहां पर आयें और व्यक्तिगत समस्यायें ही न हल हों,बल्कि सार्वजनिक समस्याओं का भी समाधान चौपालों से ही हो। चौपालों से सार्वजनिक समस्याओं का सर्वमान्य हल निकलेगा, क्योंकि वहां अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि , जागरूक लोग व ग्रामीण सभी एक जगह मौजूद रहेंगे और अपने सुझाव भी देंगे।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेश की 1658ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया, जिनमें 6213प्रकरणो का निस्तारण गांव पंचायतों में ही कर दिया गया।इन ग्राम चौपालों मे 5134 ब्लाक स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी तथा 9036 ग्राम स्तरीय कर्मचारी मौजूद रहे और इन चौपालो में एक लाख से अधिक ग्रामीणों ने सहभागिता की।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6जनवरी 23 से अब तक प्रदेश की 46305ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालो का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें 34लाख से अधिक ग्रामीण मौजूद रहे और 2लाख 29हजार से अधिक समस्याओं/प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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