आध्यात्म
राम मंदिर पर कब दाखिल की गयी थी कोर्ट में पहली बार अर्ज़ी? जानिए कब पूरी हुई मामले की सुनवाई
राम मंदिर के इतिहास में 5 अगस्त 2020 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। 1528 से लेकर साल 2020 तक यानी 492 साल के इतिहास में कई मोड़ आए। कुछ मील के पत्थर भी पार किए गए। खास तौर से 9 नवंबर 2019 का दिन जब 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने ऐतिहासिक फैसले को सुनाया। अयोध्या जमीन विवाद मामला देश के सबसे लंबे चलने वाले केस में से एक रहा। आइए आपको बताते हैं कि इस विवाद की अर्ज़ी कोर्ट में सबसे पहले कब दाखिल की गई थी और कब इसका इंतज़ार खत्म हुआ।
बता दें कि राम मंदिर का असली विवाद 23 दिसंबर 1949 को शुरू हुआ जब भगवान राम की मूर्तियां मस्जिद में पाई गईं। हिंदुओं का कहना था कि भगवान राम प्रकट हुए हैं, जबकि मुसलमानों ने आरोप लगाया कि किसी ने रात में चुपचाप मूर्तियां वहां रख दीं। यूपी सरकार ने मूर्तियां हटाने का आदेश दिया, लेकिन डीएम केके नायर ने दंगों और हिंदुओं की भावनाओं के भड़कने के डर से इस आदेश को पूरा करने में असमर्थता जताई। सरकार ने इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगवा दिया।
साल 1950 में फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की गई। इसमें एक में रामलला की पूजा की इजाजत और दूसरे में विवादित ढांचे में भगवान राम की मूर्ति रखे रहने की इजाजत मांगी गई। 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने तीसरी अर्जी दाखिल की।
साल 1961 में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर विवादित जगह के पजेशन और मूर्तियां हटाने की मांग की।
साल 1984 में विवादित ढांचे की जगह मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने एक कमिटी गठित की और साल 1986 में यूसी पांडे की याचिका पर फैजाबाद के जिला जज केएम पांडे ने 1 फरवरी 1986 को हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत देते हुए ढांचे पर से ताला हटाने का आदेश दिया।
6 दिसंबर 1992 को वीएचपी और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। देश भर में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए, जिनमें 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
साल 2002 में हिंदू कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही ट्रेन में गोधरा में आग लगा दी गई, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई। इसकी वजह से गुजरात में हुए दंगे में 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच 3 बराबर-बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया।
साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई।
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का आह्वान किया। बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर आपराधिक साजिश के आरोप फिर से बहाल किए।
8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। पैनल को 8 सप्ताह के अंदर कार्यवाही खत्म करने को कहा।
1 अगस्त 2019 को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की।
2 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा।
6 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई।
16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
आखिरकार वर्षों से चले आ रहे केस में फैसला आया और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। 2.77 एकड़ विवादित जमीन हिंदू पक्ष को मिली। वहीं मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया। 25 मार्च 2020 को तकरीबन 28 साल बाद रामलला को टेंट से निकालकर फाइबर के मंदिर में शिफ्ट किया गया।
5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम हुआ। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु-संतों समेत 175 लोगों को न्योता दिया गया। अयोध्या पहुंचकर पीएम मोदी ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किया और फिर राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
आध्यात्म
आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की जाती है। यानी दिवाली अगले दिन ये पर्व मनाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है और यह 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इस तरह से गोवर्धन पूजा का सही दिन 2 नवंबर ही माना गया है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के दिन सुबह काल जल्दी उठकर स्नानादि करें। फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं।
इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें। भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।
गोवर्धन पूजा का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है।
Govardhan Puja, Govardhan Puja today, Govardhan Puja news,
-
आध्यात्म16 hours ago
क्यों बनता है गोवर्धन पूजा में अन्नकूट, जानें इसका महत्व
-
आध्यात्म3 days ago
दीपावली का त्यौहार आज, इन संदेशों से दे दिवाली की शुभकामनाएं
-
आध्यात्म3 days ago
दिवाली की शाम इन जगहों पर जरूर जलाया दीये, होगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
-
आध्यात्म3 days ago
दिवाली से पहले घर से इन चीज़ों को करें बाहर, वर्ना नहीं होगा मां लक्ष्मी का वास
-
आध्यात्म16 hours ago
आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त
-
नेशनल2 days ago
पीएम मोदी ने देशवासियों को दी दिवाली की शुभकामनाएं, कहा- मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की कृपा से सबका कल्याण
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
दीपावली पर मुख्यमंत्री योगी ने किए श्रीरामलला के दर्शन
-
मनोरंजन13 hours ago
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का जन्मदिन आज, जानिए उनके और गौरी के मजेदार किस्से के बारे में