उत्तर प्रदेश
25 मार्च को 6 साल 6 दिन के सीएम हो जाएंगे योगी, गिनाएंगे उपलब्धियां
लखनऊ। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल 25 मार्च को पूरे प्रदेश में धूम-धाम से मनाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा के लिए यह जश्न इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि योगी आदित्यनाथ लगातार सबसे ज्यादा समय तक उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।
योगी 2.0 का पहला वर्ष पूरा होते ही योगी 6 साल 6 दिन के सीएम हो जाएंगे। इस अवसर पर एक तरफ जहां सीएम योगी राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं जनपदों में प्रभारी मंत्रियों के नेतृत्व में पत्रकार वार्ताएं आयोजित की जाएंगी।
राजधानी में आयोजित होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में सीएम योगी के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान सीएम योगी अपनी सरकार की छह साल की उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखेंगे।
संभावना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी अपनी सरकार के छह वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में आए बदलावों के बारे में बताएंगे। साथ ही बेहतर हुई कानून व्यवस्था से प्रदेश में बने निवेश अनूकूल माहौल और उनसे सृजित होने वाले रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों बारे में जानकारी देंगे।
वहीं जनपदों में प्रभारी मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री अपने प्रभार वाले जिले में उपस्थित रहेंगे, जहां वह मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे। उनके साथ स्थानीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह भाजपा सरकार के छह साल में जनपद में कराए गए विकास कार्यों को गिनाएंगे।
इसके अलावा जनपदों में अयोजित होने वाले प्रेस कांफ्रेंस में जिन जिलों में प्रभारी मंत्री उपस्थित नहीं होंगे वहां सांसद राज्य सभा/सांसद लोक सभा/ विधायक/ विधान परिषद् सदस्य/ जिला पंचायत अध्यक्ष/ जिलाध्यक्ष प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की करेंगे।
योगी ने पिछले साल 25 मार्च को ली थी दूसरी बार सीएम की शपथ
पिछले साल हुए विधनसभा चुनाव में भाजपा 255 सीटें जीतकर दूसरी बार सत्ता में आई थी। जिसके बाद 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस तरह से इस वर्ष मार्च के उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा हो रहा है। जिसके जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
लगातार सीएम रहने का रिकॉर्ड
योगी 2.0 का पहला साल पूरा होते ही लगातार 6 साल 6 दिन तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का रिकॉर्ड योगी ने अपने नाम कर लेंगे। वैसे उन्होंने एक मार्च (5 वर्ष 346 दिन, पदस्थ) को ही सबसे ज्यादा समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। योगी के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानन्द (5 वर्ष 345 दिन) इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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