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प्रादेशिक

गेंहू खरीद में योगी सरकार हर दिन बना रही नया रिकॉर्ड, किसानों को हुआ ₹6890.19 करोड़ का भुगतान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रही है। अब तक 44 लाख 61 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जबकि, बीते साल 05 जून तक मात्र 26 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। वहीं भुगतान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा तय 72 घंटे की सीमा के भीतर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार गेहूं मूल्य उनके बैंक खाते में भेज दिया जा रहा है। 05 जून तक की ताजा स्थिति के मुताबिक, 09 लाख 69 हजार 263 किसानों से हुई 44.61 लाख एमटी गेहूं के एवज में ₹6890.19 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। बता दें कि इस बार गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹1975 प्रति क्विंटल तय किया गया है।

योगी सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं किसान

कभी चुनावी चर्चा तक सिमट कर रह जाने वाले फसलों की खरीद को योगी सरकार ने शासन की प्राथमिकता वाले विषयों में शामिल किया है। एक अप्रैल से शुरू की गई गेहूं खरीद ने इस विभीषिका काल में किसानों की बड़ी चिंता को दूर किया है। हजारों किसानों हर दिन लाभान्वित हो रहे हैं। यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद के दौरान 72 घंटों के भीतर किसानों का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच जा रहा है। ई-पॉप मशीनों के इस्तेमाल से गेहूं खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सरकार गेहूं को बचाने के लिये हर तरह की सावधानी बरत रही है। मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था की गई है। गेहूं खरीद के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है इसके लिये खरीद केन्द्रों पर ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था की गई है। किसानों को खेत से 10 किमी के दायरे में अनाज खरीद की सुविधा मुहैया कराई गई, जिनसे किसानों को गेहूं विक्रय में खासी आसानी हुई।

किसानों से संवाद में दोहराई थी प्रतिबद्धता

बीते महीने जब कोरोना का कहर पूरे चरम पर था, उस दौरान भी सीएम योगी के निर्देश पर गेहूं खरीद जारी रही। हर दिन खरीद की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने गेहूं क्रय केंद्रों पर मौजूद किसानों से वर्चुअल संवाद भी किया। वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने किसान हितों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए किसानों से भी कोरोना को परास्त करने के लिए सहयोग मांगा है। वर्चुअल चर्चा में गेहूं खरीद केंद्र, खरीद और भुगतान की जानकारी लेने के साथ ही सीएम ने किसानों का आह्वान किया कि स्वयं, परिवार और समाज को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण तीव्र होने के बावजूद गेहूं खरीद जारी है। जब तक एक भी इच्छुक किसान होगा, तब तक खरीद जारी रहेगी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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