प्रादेशिक
भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन में सीएम योगी, अधिकारियों को बनाया चपरासी-चौकीदार
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। अब योगी सरकार ने यूपी के सूचना विभाग में 4 अपर जिला सूचना अधिकारियों का डिमोशन कर उन्हें चपरासी, चौकीदार, ऑपरेटर और सहायक बना दिया है। इन अधिकारियों का नियम के विरुद्ध प्रमोशन कर दिया गया था।, जिसके बाद अब योगी सरकार ने इन्हे इनके मूल पद पर वापस भेज दिया है।
प्रमोट हुए 4 अफसरों का डिमोशन किया गया है उसमें नरसिंह, दयाशंकर, विनोद कुमार शर्मा और अनिल कुमार सिंह शामिल हैं. नरसिंह को चपरासी, दयाशंकर को चौकीदार के अलावा विनोद कुमार शर्मा और अनिल कुमार सिंह को सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक बनाया गया है।
नवंबर 2014 में जब यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार चल रही थी, तब इन सबका गलत ढंग से प्रमोशन किया गया था। इन्हें नियम विरुद्ध तरीके से आगे बढ़ाया गया था। अब इन सभी को अपने-अपने मूल पदों पर वापस भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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